आयुष्मान भारत योजना में इलाज के लिए केंद्र ने तय किए 154 नए पैकेज Lucknow News
आयुष्मान भारत में लोगों के लिए बड़ी राहत 154 नए पैकेज में 15 फरवरी से मरीज ले सकेंगे लाभ धन का अभाव नहीं बनेगा रोड़ा।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। आयुष्मान भारत योजना का दायरा और बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने इलाज के लिए 154 नए पैकेजों को हरी झंडी दे दी है। 15 फरवरी से इनका लाभ मिलने लगेगा। खासकर, कैंसर का इलाज टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट के आधार पर होगा।
आयुष्मान योजना प्रदेश में सितंबर 2018 से लागू हुई थी। अब फीडबैक के आधार पर वर्ष 2020 में योजना में बदलाव किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्यों को 154 नए पैकेजों की लिस्ट भेजी है। इसमें क्लीनिकल व सर्जिकल दोनों प्रोसीजर शामिल हैं। साथ ही कई बीमारियों के पैकेज का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है, ताकि निजी अस्पतालों में इलाज के लिए धन का अभाव अड़ंगा न बने।
टाटा की तर्ज पर कैंसर का इलाज : केंद्र सरकार ने कैंसर मरीजों का इलाज टाटा इंस्टीट्यूट के आधार पर कराने का फैसला किया है। ऐसे में वहां के विशेषज्ञों से आयुष्मान में कैंसर का पैकेज तय कराया गया। अब रेडियोथेरेपी, सर्जिकल व कीमोथेरेपी से इलाज करने में पैकेज फॉलो नहीं करने होंगे। एक पैकेज में ही तीनों तरह का इलाज शामिल होगा। इसमें इलाज की गाइड लाइन भी तय की गई है। योजना से जुड़े कर्मियों का प्रशिक्षण 16 जनवरी से शुरू होगा। इसमें जनपदों में तैनात डीआइओ, आरोग्य मित्र शामिल होंगे।
तरह के इंप्लांट-स्टेंट होंगे शामिल, मरीजों को लाभ
आइसीयू शिफ्टिंग अब तुरंत पहले मरीज को वार्ड से तुरंत आइसीयू में शिफ्ट करना मुश्किल होता था। कारण, अस्पताल को वार्ड, एचडीयू व आइसीयू के पैकेज के लिए कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साची) की अनुमति लेनी होती थी। अब अस्पताल मरीज का ब्योरा दर्ज कर मरीज को अपने स्तर से तत्काल आइसीयू में शिफ्ट कर सकते हैं। साची बाद में वेरीफिकेशन कर भुगतान करेगा।
अब 1584 होंगे कुल पैकेज
आयुष्मान योजना में अब तक 1430 कुल पैकेज हैं। इनके तहत मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं फरवरी से लगभग 1584 पैकेज हो जाएंगे।
पहली बार मिलेगा इंप्लांट का विकल्प
पहले घुटना प्रत्यारोपण या अन्य हड्डी के सर्जरी के प्रोसीजर तय थे। इंप्लांट (प्रत्यारोपण) का अलग से कोई पैकेज निर्धारित नहीं था। ऐसे में मरीज की किस दिक्कत में कौन सा इंप्लांट बेहतर रहेगा, डॉक्टर के पास यह विकल्प नहीं था। इस बार लगभग 153 तरह के इंप्लांट व स्टंट शामिल किए गए हैं। इससे हड्डी व हृदय रोगियों को राहत मिलेगी।
2018 में लागू हुई थी योजना
- 1004 सरकारी अस्पताल राज्य में आयुष्मान योजना से संबद्ध
- 1504 निजी अस्पताल राज्य में योजना के तहत कर रहे इलाज
- 33 सरकारी अस्पताल राजधानी में दे रहे योजना का फायदा
- 02 लाख 79 हजार 154 मरीजों को नौ जनवरी तक राज्य में मिल चुका है मुफ्त इलाज