Bike Bot Scam: CBI को बाइक बोट घोटाले के मुख्य मुकदमे की जांच, गृह विभाग ने केंद्र सरकार को भेजी सिफारिश
Bike Bot Scam विभिन्न राज्यों में जांच का बड़ा दायरा देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराए जाने की सिफारिश की गई है। सीबीआइ जल्द पूरे प्रकरण की जांच अपने हाथ में ले सकती है। बाइक बोट घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले (Bike Bot Scam) के मुख्य मुकदमे की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से कराए जाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की गई है। गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों में निवेशकों ने घोटाले के मुख्य आरोपित बसपा नेता संजय भाटी समेत अन्य के विरुद्ध 133 मुकदमे दर्ज कराए हैं। इनमें गौतमबुद्धनगर में दर्ज 11 मामलों की जांच सीबीआइ पहले से कर रही है। मामले की जांच कई राज्यों से जुड़ी है।
यही वजह है कि शासन के निर्देश पर घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने आरोपितों के विरुद्ध गौतमबुद्धनगर के दादरी थाने में वर्ष 2019 में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराए गए पहले मुकदमे की जांच सीबीआइ से कराए जाने संबंधी पत्र गृह विभाग को भेजा था।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई, 2022 को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि बाइक बोट घोटाले में दादरी थाने में दर्ज मूल मुकदमे को प्रिंसपल एफआइआर मानते हुए शेष सभी अभियोगों को समाहित कर कंपोजिट चार्जशीट गौतमबुद्धनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश की जाए। इसके बाद सीबीआइ समेत अन्य राज्यों की पुलिस ने अपने मुकदमों का ब्योरा ईओडब्ल्यू को सौंप दिया था।
अब विभिन्न राज्यों में जांच का बड़ा दायरा देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराए जाने की सिफारिश की गई है। माना जा रहा है कि सीबीआइ जल्द पूरे प्रकरण की जांच अपने हाथ में ले सकती है। बाइक बोट घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है।
बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश में कुल 118 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इनमें सर्वाधिक 96 मुकदमे गौतमबुद्धनगर में दर्ज हैं। इसके अलावा बुलंदशहर में छह, गाजियाबाद में पांच, मेरठ व अलीगढ़ में दो-दो तथा हापुड़, बिजनौर, बागपत, आगरा, मुजफ्फरनगर व लखनऊ में एक-एक मुकदमा दर्ज है। शासन के आदेश पर गौतमबुद्धनगर में दर्ज 11 मुकदमों की जांच 22 अक्टूबर, 2021 को सीबीआइ को सौंपी गई थी। जबकि शेष 107 मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू की मेरठ शाखा कर रही है।
ऐसे लूटे गए थे ढाई लाख निवेशक
ओला व उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर लगभग ढाई लाख निवेशकों को ठगा गया था। नोएडा निवासी बसपा नेता संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई थी और बाइक बोट नाम से मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत एक साल में निवेशकों को दो गुना मुनाफा कमाने का झांसा दिया था। कंपनी ने एक टैक्सी बाइक के लिए लगभग 62 हजार रुपये निवेश करने पर हर माह 9765 रुपये प्रतिमाह की किस्त का भुगतान 12 माह तक किए जाने का झांसा दिया गया था। एक से अधिक बाइक में निवेश करने के लिए अतिरिक्त बोनस का भी प्रलोभन दिया गया था। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य के लोगों ने वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के मध्य कंपनी में निवेश किया था।
अब तक 27 आरोपित गिरफ्तार
ईओडब्ल्यू अब तक आरोपित संजय भाटी, राजेश भारद्वाज व विनोद कुमार समेत 27 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
तीन पर पांच-पांच लाख का इनाम
संजय भाटी की फरार पत्नी दीप्ति बहल के अलावा भूदेव व बिजेंद्र सिंह हुड्डा पर शासन ने पांच-पांच लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा है।
इन राज्यों में मुकदमे
दिल्ली में तीन, जालंधर (पंजाब) में चार, करनाल (हरियाणा) में चार तथा जयपुर (राजस्थान), उत्तराखंड, मध्य प्रदेश व तेलंगाना में एक-एक मुकदमा दर्ज है।
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