यूपी में टीचर्स को मिलेगी खास सुविधा, शिक्षकों के तबादले को लेकर भी खुलकर बोले संदीप सिंह
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षकों को जल्द ही कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि 2017 तक जर्जर स्कूलो ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को विपक्ष ने बेसिक शिक्षा पर सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा जल्द दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2017 तक बेसिक शिक्षा के स्कूल जर्जर थे। अब स्कूलों की तस्वीर बदल गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों में 100 प्रतिशत फर्नीचर दिए जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के स्वीकृत पद को समाप्त किए जाने के कोई निर्णय नहीं लिए गए हैं।
सरकार शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का काम कर रही है। विपक्ष से विधायक समरपाल सिंह, डा. रागिनी, बृजेश कठेरिया, सचिन यादव, प्रभु नारायण सिंह यादव, डा. आरके वर्मा, तेज प्रताप सिंह तथा कमाल अख्तर ने बेसिक शिक्षा पर कई सवाल उठाए थे।
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने सबके सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पहले तबादले के लिए शिक्षकों से पैसे लिए जाते थे। हमारी सरकार में अब नीति के तहत तबादला होता है। शिक्षक आपसी सहमति से एक-दूसरे के स्थान पर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा में सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं वह बच्चों के भले के लिए हैं।
विपक्ष सदन को भ्रमित ना करे। फीस रेगुलेटरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए जिलों में डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाए गए हैं। शिकायत पर कार्यवाही की जाती है। संभल में 33 निजी विद्यालयों की फीस कम कराने का काम किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आरटीई के तहत वर्ष 2025-26 में लगभग 1.40 लाख बच्चों का नामांकन निजी स्कूलों में कराया गया।
58 हाईस्कूल को इंटरमीडिएट कालेज में उच्चीकृत किया
विपक्ष के विधायक महेंद्र नाथ यादव ने सवाल किया कि प्रदेश में नए राजकीय इंटर कालेजों की स्थापना के क्या मांनक हैं।जहां जनसंख्या के मुकाबले कालेज कम हैं, वहां सरकार राजकीय इंटर कालेज स्थापित कराएगी क्या।इस सवाल का जवाब देते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि प्रदेश में 974 राजकीय और 13585 वित्त विहीन कालेज हैं। सरकार ने 58 हाईस्कूल का उच्चीकरण कर इंटर कालेज बनाया है।

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