Updated: Tue, 20 May 2025 10:36 PM (IST)
लखनऊ में एएसपी वीरेंद्र कुमार के खिलाफ बिजनौर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने सरकारी तालाब को पुनर्जीवित करने गई महिला नायब तहसी ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, लखनऊ। औरंगाबाद खालसा स्थित ओमेक्स सिटी में तालाब को मूल स्वरूप में लाने गई नगर निगम की महिला नायब तहसीलदार समेत अन्य से बंधक बनाकर अभद्रता करने वाले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) वीरेंद्र कुमार पर बिजनौर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीन महीने की जांच के बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज किया है।
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इस मामले में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) कृष्णानगर विकास पांडेय ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नायब तहसीलदार कुमकुम मिश्रा के मुताबिक बीती छह फरवरी को वह टीम के साथ औरंगा बाद खालसा स्थित ओमेक्स सिटी पहुंची थीं। तालाब में दर्ज भूमि को आदेश के तहत पुनर्सृजित किए जाने की कार्रवाई कर रही थीं। इसी बीच वहां एडिशनल एसपी वीरेंद्र कुमार मौके पर अन्य लोगों के साथ पहुंचे। उन्होंने नायब तहसीलदार का मोबाइल छीनकर एक घंटे तक बंधक बनाए रखा। इस दौरान अभद्रता करते हुए गोली मारने की धमकी दी।
ऐसे में जब वह अपनी गाड़ी का दरवाजा खोलकर बैठने लगीं तो दरवाजा रोक कर खड़े हो गए और जबरन फोटो खींचने लगे। साथियों से वीडिया बनवाया। इसके बाद किसी तरह बिजनौर थाने की पुलिस को सूचना दी गई। वहां से पहुंचे पुलिस बल ने नायब तहसीलदार व उनकी टीम को बंधनमुक्त कराया।
विभागीय शिकायत करने के बाद कार्रवाई नहीं हुई तो 17 फरवरी को मामले की तहरीर बिजनौर थाने में दी थी। बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी के तहत उच्चाधिकारियों की मदद से जांच की गई। उनके आदेश पर अब जाकर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पता किया जाएगा वीरेंद्र कहां है तैनात
एसीपी कृष्णानगर ने बताया कि मौजूदा वक्त में वीरेंद्र कहां तैनात है। इसकी जानकारी करने के लिए विवेचक को कहा गया है। इसके साथ ही मामले से जुड़े सभी लोगों के बयान दर्ज करा आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, पुलिस सूत्रों ने बताया कि वीरेंद्र की तैनाती वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में है। इससे पहले वह महानगर में विवाद कर चुके हैं।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
बीएनएस 127(1): किसी को रास्ता रोकर बंधक बनाना।
बीएनएस 132: सरकारी कार्य में बाधा डालना।
बीएनएस 186: फर्जी स्टांप या अन्य दस्तावेज तैयार करना।
बीएनएस 351(3): जान से मारने की धमकी देना।
बीएनएस 352: जानबूझकर अपमानित करना।
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