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    गोमती नदी की सफाई के लिए चलेगा अभियान, लखनऊ जिला प्रशासन ने किया एलान

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:01 AM (IST)

    राजधानी की जीवन रेखा गोमती नदी के दिन जल्द बहुरने की उम्मीद एक बार फिर बंधी है। प्रशासन ने तय किया है कि गोमा को उसके पुराने स्वरूप में एक बार फिर लौटाया जाएगा। इसके लिए कमियों को दूर किया जाएगा और एक मई से गोमती में पानी छोड़ा जाएगा।

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    लखनऊ में मंडलायुक्त ने अफसरो के साथ कि बैठक एक मई से गोमती में पानी बढाया जाएगा।

    लखनऊ, जेएनएन। राजधानी की जीवन रेखा गोमती नदी के दिन जल्द बहुरने की उम्मीद एक बार फिर बंधी है। प्रशासन ने तय किया है कि गोमा को उसके पुराने स्वरूप में एक बार फिर लौटाया जाएगा। इसके लिए कमियों को दूर किया जाएगा और एक मई से गोमती में पानी छोड़ा जाएगा। मंडलायुक्त रंजन कुमार की अध्यक्षता में गोमती नदी में जल प्रदूषण नियंत्रण के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ वीडियों कान्फ्रेसिंग के द्वारा एक बैठक मंडलायुक्त कार्यालय में सम्पन्न हुयी। बैठक में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डाॅ राम करन उपस्थित थे, इसके साथ ही रक्षामंत्री व सांसद लखनऊ प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी सहित सिंचाई विभाग, नगर निगम, एलडीए, वन विभाग, जल निगम के अधिकारियों ने आनलाइन जुड़कर प्रतिभाग किया।

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    मण्डलायुक्त ने बैठक में गोमती नदी के जल प्रदूषण को कम करने व जल की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहें कार्यो की समीक्ष की। उन्होंने कहा कि गोमती नदी के प्रदूषण को रोकना व जल की गुणवत्ता में सुधार लाना बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी कमियों की वजह से गोमती नदी में प्रदूषण हो रहा है जिनको सुधार कर काफी हद तक प्रदूषण कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा महदेइया स्कैप व अटरिया स्कैप के माध्यम से सिंचाई विभाग द्वारा गोमती नदी में एक मई से 15 जून तक पानी छोड़ा जायें, ताकि नदी की जल गुणवत्ताा में सुधार हो सकें। उन्होंने कहा कि जल निगम द्वारा आवश्यकतानुसार नये एसटीपी निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किया जायें, उसके साथ ही कम समय में ऐसे क्या उपाय कर हम शीघ्र ही प्रदूषण नियत्रंण कर सके इस पर भी अध्यन किया जायें। उन्होंने कहा कि हैदर कैनाल में 120 एमएलडी एसटीपी निर्माणाधीन है इसमें ट्रीटेट वाटर को एकत्र करने हेतु डैम बनाकर रोके जाने की कार्यवाही की जायें। उन्होंने कहा कि जिन नालों में सीवरेज का प्रवाह कम है उन नालों पर तत्काल नगर निगम और जल निगम द्वारा साफ सफाई कर ब्लाकेज की समस्या का समाधान किया जायें, जिससे पानी ओवर फ्लों न हो और जल की गुणवत्ता में सुधार सम्भव हो सके। फ्लोटिंग मटेरियल को उठाकर निस्तारण स्थल तक भेजा जायें।

    सुल्तानपुर रोड़ पर भी एक एसटीपी बनाये जाने व बारा बिरवा कानपुर रोड़ पर ड्रेनेज की व्यवस्था हेतु जल निगम को डीपीआर तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अवगत कराया गया कि नदी से जल कुम्भी को हटाया जाना भी आवश्यक है तथा गोमती नदी की सहायक नदियों पर भी कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण हेतु नदी के किनारे वृक्षारोपण कराया जाना भी लाभप्रद होगा।