अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले कॉल सेंटर का सरगना गिरफ्तार, जब्त किए गए 52 लैपटॉप
दिल्ली पुलिस ने अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सरगना को गिरफ्तार कर 52 लैपटॉप जब्त किए हैं। यह गिरोह तकनीकी सहायता के नाम पर लोगों से ठगी करता था। आरोपी कंप्यूटर में खराबी बताकर पैसे वसूलते थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सीबीआई ने कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह से सरगना को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान विकास कुमार निमार के रूप में हुई है। सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार विकास लंबे समय से साइबर अपराध में लिप्त था।
लोगों को ठगने के लिए उसने वीसी इंफ्रोमेट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से पुणे और विशाखापट्टनम में कॉल सेंटर का का पंजीकरण कराया था। उसका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को लालच देकर फंसाना और उनसे मोटी राशि वसूूलना था।
सीबीआई को इस बारे में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी मिली थी। इसके बाद विकास की तलाश शुरू की गई, लेकिन पुणे और विशाखापट्टनम के जिस पते पर कॉल सेंटर पंजीकृत था, वहां पर सीबीआई को कोई नहीं मिला। इसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी।
इसी सिलसिले में सीबीआई ने पिछले वर्ष 24 सितंबर को उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही विकास के ठिकानों पर छापेमारी कर पुणे, हैदराबाद और विशाखापट्टनम विकास और उसके गिरोह द्वारा गैर कानूनी तौर पर चलाए जा रहे चार कॉल सेंटर बंद कराए थे।
इन कॉल सेंटरों से सीबीआई की टीम को कई अहम जानकारियां और दस्तावेज मिले थे। साथ ही कई इलेक्ट्रानिक डिवाइस भी बरामद की गई थी।
विकास की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई ने पुणे की अदालत से वारंट हासिल किया था। विकास को गिरफ्तार कर सीबीआई की टीम पुुणे ले गई है। साथ ही उसके घर से 14 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन व दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
विकास ने पूछताछ में लखनऊ में भी एक अवैध कॉल सेंटर को संचालित करने की जानकारी दी थी। इसके बाद सीबीआई ने इस कॉल सेंटर को भी बंद करवा दिया है। यहां से 52 लैपटाप और कई इलेक्ट्रानिक डिवाइस तथा दस्तावेज मिले हैं।

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