लखनऊ में कूंग फू दिवस पर चाकू नहीं बल्कि तलवार से काटा गया केक, ऐसी है इसकी खास परंपरा
लखनऊ में कूंग फू फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से शनिवार को गोमती नगर स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान प्रेक्षागृह में चौथा कूंग फू दिवस मनाया गया। इस दौरान केक चाकू से नहीं बल्कि तलवार से काटा गया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। तलवार से केक काटने के वीडियो वायरल होने पर भले ही पुलिस मुकदमा दर्ज कर चुकी हो, लेकिन शनिवार को तलवार से ही केक काटने की परंपरा का निर्वहन किया गया। कूंग फू फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से शनिवार को गोमती नगर स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान प्रेक्षागृह में चौथा कूंग फू दिवस मनाया गया।
मुख्य अतिथि अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल ने तलवार से केक काटा। उन्होंने कहा कि कूंग फू एक प्राचीनतम कला है, जिसे दक्षिण भारत से बोधि धम्म द्वारा चीन ले जाया गया था। वहां लोग तलवार से ही केक काटते हैं। विद्यालयों में इसका प्रशिक्षण देकर छात्र-छात्राओं में आत्म रक्षा और आत्म विश्वास जगाया जा सकता है।
समारोह में बौद्ध शोध संस्थान के अध्यक्ष भदंत शांति मित्र ने कहा कि बौद्ध धर्म को लेकर लोगों में समझ की कमी है। विचारधारा को धर्म से जोड़ना अनुचित है। बौद्ध धर्म समाज को जोड़ने का कार्य करता है। ऐसे में बौद्ध धर्म के कुछ लोग अनर्गल बयानबाजी कर इसे बदनाम करने की साजिश कर रहे जिसे ज्ञान से दूर किया जा सकता है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एसएम बोवडे, चंद्रसेन शर्मा व राजेंद्र समेत कई लोग शामिल हुए।
तलवार से ही कटता है केक : अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि उनके यहां परंपरा है कि चाकू के बजाय तलवार से केक काटा जाता है। चीन में तलवार बाजी एक कला है। तलवार से केक काटकर मार्शल आर्ट को बढ़ावा दिया जाता है। इसी परंपरा का निर्वहन चौथे कूंग फू दिवस पर किया गया। यह उनकी पारंपरिक कला है। जैसे सिख में पंच प्यारे खुली तलवार लेकर चलते हैं और कृपाण रखने की छूट भी है। इसी तरह यह कला भी है जिसमे तलवारबाजी कला के प्रति प्रेरणा देने और आत्म रक्षा के लिए स्वयं तलवारबाजी करने की प्रेरणा मिलती है।

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