बुंदेलखंड को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने की पहल, मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के पांच ऐतिहासिक स्थलों की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। ये स्थल जिनमें तालबेहट किला कालिंजर किला मडफा और बरुआ सागर किला शामिल हैं वर्तमान में एएसआई द्वारा संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने इन स्थलों को पर्यटन के लिए विकसित करने की बात कही है जिसके लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर तालबेहट किला (ललितपुर), कालिंजर किला (बांदा), मडफा (चित्रकूट), बरूआ सागर (झांसी) व उसके के घाट की सीढ़ियों के रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के लिए पत्र लिखा है। अभी तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इन पर्यटन स्थलों कॆ संरक्षित किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पिछली 16 सितंबर को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि बुंदेलखंड भारत का हृदयस्थल है। यह क्षेत्र पाषाण काल से ही मानव की गतिविधियों का साक्षी रहा है।
कालांतर में गुप्त एवं चंदेल राजाओं द्वारा यहां पर अनेक मंदिरों, किलों का निर्माण कराया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड में स्थित महलों, किलों तथा स्मारकों को संरक्षित कर इन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का सुझाव दिया था।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्वामित्व में स्थित स्मारक स्थलों का संरक्षण, संर्वधन एवं विकास कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए विशेषज्ञ संस्था पर्यावरण, नियोजन और प्रौद्योगिकी केंद्र (सीईपीटी यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद से सर्वेक्षण कराया गया है।
रिपोर्ट में कुल 31 पर्यटन स्थलों को चयनित किया गया है। इनमें से पांच किले व स्मारक एएसआई के संरक्षण में है। इनके संरक्षण एवं जनोपयोगी बनाने के लिए यह आवश्यक है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्थलों को रखरखाव के लिए राज्य सरकार को सौंपा जाए।
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