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    Building Bylaws 2025: यूपी में नर्सिंग होम चलाने वालों को मिलेगी बड़ी राहत, अब कम जमीन पर बन सकेंगे बड़े अस्पताल

    Updated: Fri, 18 Apr 2025 04:27 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में नए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 से स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। अब 20 हजार वर्गमीटर की जगह सिर्फ 3 हजार वर्गमीटर जमीन पर बड़े अस्पताल बनाए जा सकेंगे। 12 मीटर चौड़ी सड़क पर अस्पताल और 50 बेड वाले नर्सिंग होम को मंजूरी मिलेगी। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपये तक का निजी निवेश आने की उम्मीद है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नए सिरे से तैयार की गई भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 (Building Construction and Development Bye-laws-2025) से सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं के और बेहतर होने की उम्मीद है।

    प्रस्तावित उपविधि के लागू होने पर 20 हजार के बजाय तीन हजार वर्गमीटर जमीन पर ही बड़ा अस्पताल बनाया जा सकेगा। 12 मीटर तक चौड़ी सड़क पर अस्पताल और 50 बेड वाला नर्सिंग होम बनाने की अनुमति होगी।

    बिना बेड के मेडिकल प्रतिष्ठानों के लिए तो 100 वर्गमीटर का भूखंड ही पर्याप्त होगा। अभी न्यूनतम 300 वर्गमीटर का भूखंड होने की अनिवार्यता है।

    डायग्नोस्टिक सेंटर को बेसमेंट में भी बनाया जा सकेगा। राज्य सरकार का मानना है कि भवन निर्माण के मानकों में ढील देने वाली इन सहूलियतों से स्वास्थ्य क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपये तक का निजी निवेश हो सकता है।

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    सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी क्षेत्र के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार 17 वर्ष से लागू भवन निर्माण संबंधी कड़े मानकों में व्यापक बदलाव कर उन्हें बेहद व्यावहारिक बनाया है।

    महंगी जमीन होने के साथ ही चूंकि शहरी क्षेत्र में बड़े अस्पताल के लिए एक साथ 20 हजार वर्गमीटर का भूखंड मिलना आसान नहीं है इसलिए अब तक ज्यादा अस्पताल नहीं खुल पा रहे थे।

    अब इसके मात्र 15 प्रतिशत यानी तीन हजार वर्गमीटर पर ही बड़ा अस्पताल बनाया जा सकेगा। अभी 10 बेड के ही नर्सिंग होम की अनुमन्यता है लेकिन नई उपविधि में 50 बेड वाले नर्सिंग होम का निर्माण संभव होगा।

    अभी 18 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर अस्पताल आदि नहीं बनाया जा सकता है लेकिन अब नौ से 12 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बनाए जा सकेंगे।

    फ्लोर एरिया रेशियो (FAR), ग्राउंड कवरेज, भवन की ऊंचाई व सेटबैक संबंधी मानकों में बदलाव से कहीं ज्यादा निर्माण किया जा सकेगा। एंबुलेंस के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था होगी।

    सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट से बनाएं बेहतर: ब्रजेश पाठक

    उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को गोरखपुर जिले खजनी के गाजर वंशमन गांव पहुंचे, जहां उन्होंने एक मांगलिक आयोजन में भाग लेने के बाद सीएचसी हरनही का निरीक्षण किया और अधिकारियों संग बैठक की।

    उन्होंने निर्देश दिया कि सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट हास्पिटल से बेहतर बनाया जाए। निरीक्षण के दौरान एक रोगी ने बताया कि सीएचसी सुबह 11 बजे खुलती है और दोपहर दो बजे बंद हो जाती है।

    इस पर उप मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए सीएमओ को फटकार लगाई। कहा, यदि कोई सरकारी डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते मिलें, तो तत्काल एफआइआर दर्ज कराई जाए।

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