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    राजधानी की बेटियां बनेंगी 'शक्तिमान', सेल्‍फ डिफेंस सीखकर मनचलों को सिखाएंगी सबक Lucknow News

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:30 PM (IST)

    लखनऊ के उच्‍च प्राथमिक स्‍कूल और कस्‍तूरबा गांधी विद्यालय में लड़कियों को सिखाया जा रहा है सेल्‍फ डिफेंस।

    राजधानी की बेटियां बनेंगी 'शक्तिमान', सेल्‍फ डिफेंस सीखकर मनचलों को सिखाएंगी सबक Lucknow News

    लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। कभी स्कूल से वापस आते हुए तो कभी बाजार से गुजरते हुए अक्सर किशोरियों और युवतियों पर नापाक नजरों का काला साया पड़ जाता है। कभी कोई मनचला फब्तियां कसता है, तो कभी हाथ पकड़ लेता है। कई बार तो ये घटनाएं इतनी ङ्क्षहसक हो जाती हैं कि किशोरियां गंभीर रूप से घायल हो जाती हैं। क'ची उम्र में छेड़खानी का दंश झेलने वाली किशोरियों के मन पर इसका बहुत गहरा असर पड़ता है। शारीरिक से ज्यादा यह उनका मानसिक उत्पीडऩ है। न सिर्फ उन्हें कमजोर होने का अहसास होता है, बल्कि स्त्रीत्व पर से भी विश्वास डगमगाने लगता है। जिन परिवारों के साथ यह घटना होती है उन्हें इससे उबरने में भी बहुत समय लग जाता है। अब स्थितियां बदलेंगी। हालात सुधरेंगे। इस दिशा में प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। राजधानी के 478 विद्यालयों की करीब 22 हजार बेटियों को 'शक्तिमानÓ बनाया जाएगा। उ'च प्राथमिक और कस्तूरबा विद्यालयों में बेटियों को जूडो-कराटे और आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। इस बाबत बजट भी जारी कर दिया गया है।

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    20 अनुदेशकों को दिया गया 15 दिन का प्रशिक्षण 

    राजधानी स्थित 470 उ'च प्राथमिक और आठ कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रशिक्षण देने के लिए 20 अनुदेशकों को 15 दिन की क्लास में एक्सपर्ट द्वारा विशेष ट्रेनिंग दी गई है। अब प्रशिक्षण प्राप्त ये ट्रेनर ब्लॉक स्तर और न्याय पंचायत में स्थित विद्यालयों में ट्रेनिंग दिलाने के लिए शारीरिक प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। इसके बाद शारीरिक प्रशिक्षक बेटियों को 'शक्तिमान बनाने का काम करेंगे। 

    तीन माह के प्रशिक्षण से बेटियां बनेंगी शक्तिमान

    बेटियों को तीन माह तक प्रति दिन एक घंटे का  प्रशिक्षण दिया जाएगा। ट्रेनर बेटियों को जूडो, ताइक्वांडो, कराटे, लाठी भांजना सिखाएंगे। इसके अलावा यह भी सिखाएंगे कि रास्ते पर अकेले जाते वक्त यदि कोई व्यक्ति छेड़छाड़ करे तो उससे कैसे निपटना है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बेटियों की स्कूल स्तर पर प्रतियोगिता भी कराई जाएगी। विजेता बालिकाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। 

    प्रति विद्यालय नौ हजार का बजट 

    आत्मरक्षा प्रशिक्षण की इस योजना में हर विद्यालय को नौ हजार का बजट दिया गया है। इसमें अनुदेशकों को ट्रेनिंग का दो हजार रुपया प्रति माह के हिसाब से दिया जाएगा। इसके अलावा बचे हुए रुपयों को अन्य मद में खर्च किया जाएगा। 

    साथ में रखें नुकीली वस्तु अथवा मिर्च पाउडर 

    सेल्फ डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक बालिकाओं के साथ अक्सर स्कूल आते-जाते समय छेड़छाड़ की घटनाएं होती हैं। इस कारण उन्हें खुद भी सशक्त और एक्टिव रहना पड़ेगा। वह सुनसान जगहों से न निकलें। जिधर लोगों का आना-जाना हो, उधर से ही होकर गुजरें, ताकि कोई घटना होने पर मदद के लिए किसी को बुलाया जा सके। उन्हें अपने बैग में नुकीली वस्तु मसलन पिन, बालों की चिमटी वगैरह रखनी चाहिए। इसके अलावा पेपर स्प्रे (मिर्च पाउडर) साथ में रखें। अगर कोई उनके साथ छेड़छाड़ का प्रयास करे तो बचाव में इन वस्तुओं का प्रयोग करें। 

    जारी हुआ बजट 

    जिला समन्वयक बालिका शिक्षा विश्वजीत पांडेय ने बताया कि राजधानी स्थित 470 उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों और आठ कस्तूरबा गांधी विद्यालय में बालिकाओं को शक्तिमान बनाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त ट्रेनर आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे। इसके लिए शासन से बजट जारी हो गया है। 

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