BSP Rally: 2027 में अकेले लड़ेंगे चुनाव, UP में बनाएंगे सरकार:मायावती
BSP Rally in Lucknow: मायावती ने कार्यकर्ताओं को अकेले चुनाव लड़ने का गणित विस्तार से समझाया। बताया कि वर्षा 1993 में सपा संग गठबंधन और 1996 में कांग्रेस संग गठबंधन में पार्टी को 67-67 सीटें ही मिली थीं। वर्ष 2002 में अकेले लड़ने पर 100 सीटें और 2007 में 200 से ज्यादा सीटें मिलीं थी। इसलिए अकेले ही लड़ने में फायदा है।

लखनऊ में बसपा की रैली में गुरुवार काे पार्टी के पदाधिकारियाें के साथ मायावती
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर हुए राज्य स्तरीय आयोजन में बसपा ने अपनी ताकत दिखाई। भीड़ से भरा कांशीराम स्मारक स्थल देखे उत्साहित बसपा सुप्रीमो मायावती ने वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में अकेलेे मैदान में उतरने की घोषणा के साथ पांचवी बार सरकार बनाने का दावा किया। विरोधी दलों पर बसपा को कमजोर करने और वंचित वर्ग के वोटों में बंटवारे की साजिश रचने का आरोप लगाया। सबसे ज्यादा हमला सपा पर बोला, कहा कि समाजवादी सरकार में कांशीराम जी का सबसे ज्यादा अपमान हुआ। वंचित वर्ग के संतो-महापुरुषों की उपेक्षा हुई। अब सत्ता जाने के बाद सपा, पीडीए की हवाई बातें कर लोगों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस पर डा. बीआर आंबेडकर को सांसद बनने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने आपातकाल लगाकर बाबा साहेब के संविधान को कुचला, वहीं संविधान की पुस्तक लेकर उसे बचाने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार में भी हर वर्ग के परेशान होने की बात कही और कार्यकर्ताओं से सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए पूरी ताकत से जुटने का आह्वान किया। मायावती ने इशारों-इशारों ने अपने बाद आकाश आनंद के हाथों में ही पार्टी कमान सौंपने का संदेश भी दिया।
मायावती ने कहा कि सपा अब सत्ता से बाहर है तो कांशीराम जी की याद में कार्यक्रम का दिखावा कर रही है। जब सरकार में होती है तो उसे न पीडीए की याद आती है और न ही कांशीरामजी की। मैं अखिलेश यादव से पूछती हूं कि हमने अपनी सरकार में जब कासगंज को जिला बनाकर उसका नाम कांशीरामनगर रखा था, उसे सपा सरकार में क्यों बदला गया। यह उनका दोगला चरित्र है। ऐसे दोगले लोगों से सावधान रहना है। कांग्रेस ने बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दिया। सपा सरकार में गुंडे, माफिया को बढ़ावा मिला। बीजेपी सरकार में भी यही स्थिति है। ये सभी जातिवादी दल मिलकर बसपा को कमजोर करना चाहते हैं। समाज के कुछ स्वार्थी लोगों को आगे करने, उनसे छोटे-छोटे दल बनवाकर वोटाें का विभाजन कर रहे हैं। हमे इनसे सतर्क रहना है। बाबा साहेब ने कहा था कि बहुजन को अपनी समस्या हल करने के लिए एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी होगी। कांशीराम जी ने इस मिशन को आगे बढ़ाया। अब बसपा की सरकार बनाकर बाबा साहेब और कांशीराम जी के मिशन को पूरा करना है। उन्होंने सरकार बनने पर सवर्जन हिताय-सर्वजन सुखाय की नीति के तहत हर वर्ग के हित में काम करने और अपनी पुरानी सरकार की व्यवस्था-योजनाएं फिर से लागू करने का वादा किया।
बसपा सुप्रीमो ने भविष्य में भतीजे आकाश आनंद को ही कमान सौंपने का इरादा भी साफ कर दिया। कहा कि आकाश आनंद से आप लोगों का प्रेम बढ़ रहा है, यह शुभ संकेत है। जिस तरह मैंने, कांशीराम जी के मार्गदर्शन में पार्टी और मिशन को आगे बढ़ाने का काम किया था, उसी तरह आकाश भी मेरे मार्गदर्शन में पूरी मेहनत कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह आप लोग मेरे साथ खड़े रहे, उसी तरह आकाश का भी हर परिस्थिति में साथ देंगे। मायावती ने अपने भाई और आकाश के पिता आनंद कुमार के पार्टी के प्रति समर्पण भी तारीफ की। साथ में सतीश मिश्रा और अन्य नेताओं की मेहनत का भी उल्लेख किया।
आजम पर दो टूक, खारिज किए कयास
मायावती ने सपा नेता आजम खां के बसपा में आने के कयासों को सिरे से खारिज कर दिया। दो टूक कहा कि हमारी आज की रैली से पहले विरोधियों ने साजिशन यह अफवाह फैलाई। मैं किसी से नहीं मिली। वैसे भी मैं किसी से छिपकर नहीं मिलती, जिससे मिलती हूं, खूले में मिलती हूं।
योगी सरकार का जताया आभार
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जिस कांशाीराम स्मारक स्थल पर रैली हो रही है, वहां की मरम्मत कराने के लिए हम भाजपा सरकार के आभारी हैं। हमारे अनुरोध पर उन्होंने स्मारक की टिकट से हुई आय को इस काम में खर्च किया, यह व्यवस्था हमने अपनी सरकार में ही बना दी थी, परंतु सपा ने टिकटों से मिले सारे पैसे दबा लिए। स्मारक पर एक रुपया भी खर्च नहीं किया।
आइ लव की राजनीति देश हित में नहीं
आइ लव मोहम्मद विवाद पर कहा कि एक-दूसरे के देवी-देवता या खुदा का अपमान नहीं करना चाहिए। सब संविधान से चलें। कुछ लोग इसके नाम पर हिंसा और राजनीति कर रहे हैं। यह देश हित नहीं है।
समझाया अकेले लड़ने का गणित
मायावती ने कार्यकर्ताओं को अकेले चुनाव लड़ने का गणित विस्तार से समझाया। बताया कि वर्षा 1993 में सपा संग गठबंधन और 1996 में कांग्रेस संग गठबंधन में पार्टी को 67-67 सीटें ही मिली थीं। वर्ष 2002 में अकेले लड़ने पर 100 सीटें और 2007 में 200 से ज्यादा सीटें मिलीं थी। इसलिए अकेले ही लड़ने में फायदा है।
65 मिनट बोलीं मायावती
मायावती ने 65 मिनट तक कार्यकर्ताओं के सामने अपनी बात रखी। मायावती ने सुबह 9.35 बजे संबोधन शुरू किया। उस समय मैदान लगभग भर चुका था और जब 10.40 बजे संबोधन खत्म किया, तब तक भीड़ का आना जारी था।
केंद्र सरकार पर भी वार, ईवीएम पर उठाए सवाल
मायावती ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार और ईवीएम पर भी प्रश्न उठाए कहा कि हमें हराने के लिए ईवीएम का सहारा लिया गया। धांधली के आरोप लगते रहे हैं, यह सिस्टम जल्द खत्म हो सकता है और बैलेट पेपर की व्यवस्था आ सकती है। उन्होंने पहलगाम हमले के लिए भी सरकार को घेरा। कहा कि सरकार ने सुरक्षा प्रबंध अच्छा नहीं किया था। अमेरिकी टैरिफ से केंद्र सरकार सचेत रहे। स्वदेशी का नारा हवा-हवाई न हो तो हम स्वागत करेंगे।
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