तीन महीने में मुस्लिम भाईचारा कमेटियों का काम पूरा करेगी बसपा, संगठन की बैठक में रणनीति समझाएंगी मायावती
बसपा तीन महीने में मुस्लिम भाईचारा कमेटियों का काम पूरा करने की योजना बना रही है। मायावती संगठन की बैठक में इस बारे में रणनीति समझाएंगी। इस पहल का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच पार्टी की पकड़ को मजबूत करना है। बसपा का लक्ष्य इन कमेटियों के माध्यम से जमीनी स्तर पर मुस्लिम समुदाय के साथ जुड़ना है। यह कदम बसपा की आगामी चुनावों के लिए तैयारी का हिस्सा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वर्ष 2027 के चुनावों की तैयारी में जुटी बसपा ने अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूल को धरातल पर उतारने की कसरत तेज कर दी है। मंडल स्तर पर मुस्लिम भाईचारा कमेटियां बनाने के बाद बूथ स्तर तक इनका गठन किया जाना है। बसपा सुप्रीमो मायावती तीन माह में इस काम को पूरा कराना चाहती हैं। इसके लिए बुधवार को संगठन की बैठक बुलाई गई है। वहीं इसके बाद एक नवंबर को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) भाईचारा कमेटियों को लेकर बैठक होगी।
संगठन को मजबूत बनाने के लिए मायावती पूरी तरह सक्रियता दिखा रही हैं। भाईचारा कमेटियों को फिर से गठन किया जा रहा है। पार्टी में मंडल स्तरीय मुस्लिम भाईचारा कमेटियों में दो मुस्लिम और दो अनुसूचित वर्ग के नेताओं को शामिल किया है।
बुधवार को होने वाली बैठक में जिला, विधानसभा और बूथ स्तर तक कमेटियों के गठन को लेकर निर्देश दिए जाएंगे। बैठक में मंडल स्तरीय कमेटियों के सदस्यों के साथ पार्टी के लगभग 100 प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार ओबीसी भाईचारा कमेटियों के गठन में छह माह का समय लगने के चलते पार्टी ने मुस्लिम भाईचारा कमेटियों का गठन तीन माह में पूरा करने का निर्णय लिया है। बैठक में इसकी रणनीति समझाई जाएगी। वहीं एक नवंबर को होने वाली बैठक में ओबीसी भाईचारा कमेटियों के विस्तार पर मंथन होगा।

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