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    Lakhimpur Case: विधान सभा में गूंजा लखीमपुर खीरी के दलित परिवार का दर्द, अभी अधूरी हैं सरकार की घोषणाएं

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 21 Sep 2022 10:43 PM (IST)

    UP Assembly Session 2022 बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने प्रश्नकाल के बाद लखीमपुर खीरी के निघासन में जब यह सनसनीखेज वारदात को उठाया। उन्होंने त्वरित कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि पीड़ित परिवार के लिए जो घोषणाएं की गई थीं वह अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।

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    UP Assembly Session 2022: बसपा के उमाशंकर सिंह ने उठाया दलित बेटियों से दुष्कर्म व हत्या का मामला।

    UP Assembly Session 2022: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। लखीमपुर खीरी के निघासन (Lakhimpur Nighasan Case) में मां के सामने दो नाबालिग बेटियों के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का मामला बुधवार को विधानसभा में भी उठा। बसपा विधायक दल के नेता उमाशंकर सिंह ने दलित परिवार का दर्द सदन में उठाते हुए कहा कि सरकार ने परिवार की मदद के लिए जो घोषणाएं की थीं, वह अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। आरोपितों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए शुरुआत में हत्या को आत्महत्या बताने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की भी मांग की।

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    लखीमपुर खीरी के निघासन में जब यह सनसनीखेज वारदात हुई, तब माना जा रहा था कि मानसून सत्र में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर बरसेगा। मगर, ऐसा हुआ नहीं। सरकार ने उस मामले में तुरत-फुरत कार्रवाई करते हुए सभी छह आरोपितों को गिरफ्तार कर घटना का राजफाश कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये आर्थिक मदद, पक्का आवास और कृषि भूमि का पट्टा देने की घोषणा की गई।

    यही वजह है कि विपक्षी दलों ने भी सदन में इस गंभीर घटना को उठाना मुनासिब नहीं समझा। इसके पीछे दूसरे कारणों की भी चर्चा थी, लेकिन इस बीच बसपा जरूर अपने दलित एजेंडे पर खड़ी नजर आई। बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने प्रश्नकाल के बाद इस विषय को उठाया। उन्होंने कहा कि एक मां के सामने गुंडे-मवाली दो नाबालिग बेटियों को उठाकर ले गए। दुष्कर्म और हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए। जब पीड़ित दलित परिवार पुलिस से शिकायत की तो पुलिस अधिकारी उसे आत्महत्या साबित करने पर लगे रहे। उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो।

    उमाशंकर सिंह ने कहा कि हाथरस में हुई ऐसी ही घटना के आरोपितों को अभी तक सजा नहीं मिली। यदि इस तरह के मामलों में 10-15 वर्ष तक मुकदमों की सुनवाई चलती रहेगी तो अपराध कैसे रुकेगा। सरकार ऐसे सभी मामलों को चिन्हित कर निस्तारण कराए। वहीं, निघासन के मामले में याेगी सरकार की त्वरित कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि पीड़ित परिवार के लिए जो घोषणाएं की गई थीं, वह अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।

    इस पर सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह घटना बहुत ज्यादा दुखद है। हम दुख व्यक्त करते हैं, लेकिन सरकार का काम कानून सम्मत कार्रवाई करना है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार ने कोई कोताही नहीं बरती। यह हमारी जिम्मेदारी भी है।

    उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में ज्यादा से ज्यादा कार्रवाई कर रही है। महिला अपराध से जुड़े मामलों में 7713 दोषियों को सजा दिलाकर उत्तर प्रदेश पूरे देश में शीर्ष स्थान पर है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों में भी यूपी अपराध के मामले में 24वें स्थान पर है। खन्ना ने कहा कि निघासन के पीड़ित परिवार को 8.25 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है। बाकी घोषणाएं भी जल्द पूरी कर दी जाएंगी।