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    Mayawati: बसपा मुखिया मायावती एसआईआर को लेकर बेहद गंभीर, कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत झोंकने के निर्देश

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 01:46 PM (IST)

    BSP President Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को अत्यंत गंभीरता स ...और पढ़ें

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    बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने नेता-कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत के साथ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में पूरी ताकत झोंकने के निर्देश दिए हैं। बसपा प्रमुख ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में शुक्रवार को पार्टी के सभी राज्यों के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया।

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    बसपा प्रमुख ने कहा कि अभियान में पूरी तत्परता से काम करें, इसके लिए संगठन की गतिविधियों को जरूरत के अनुसार थोड़े दिनों के लिए स्थगित कर दें, जिससे गरीबों, मजदूरों, शोषितों-पीड़ितों व बहुजन समाज के लोग वोट डालने के सांविधानिक अधिकार से वंचित न रह जाएं, क्योंकि वोट की यही ताकत बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के संघर्ष के अनुरूप उनको शोषित से शासक वर्ग बना सकती है।

    बसपा प्रमुख ने कहा कि उप्र सहित 12 प्रदेशों व केंद्र शासित राज्यों में चल रहे इस अभियान के दौरान जो व्यावहारिक परेशानियां आ रही हैं, उनको ध्यान में रखकर देश के बाकी के राज्यों को अपनी तैयारी पहले से ही पूरी कर लेनी चाहिए। हाल ही में बिहार में सरकारी धन वितरण के बल पर जिस प्रकार से विधान सभा के चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है, वह अति गंभीर मामला है। पार्टी के लोग बिहार चुनाव के कड़वे अनुभव से सबक सीखकर ऐसे नए चुनावी हालात का सामना करने के लिए अपनी पूरी तैयारी से लगना होगा। मतगणना के संबंध में भी पार्टी के कैडर को सही ट्रेनिंग दी जाए।

    मायावती ने चुनावी व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट को शुद्ध करने के साथ ही देश की चुनावी प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने धनबल, बाहुबल और सरकारी साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडों से चुनाव को मुक्त कराने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

    मायावती ने हाल के वर्षों में, विशेषकर बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकारी धन वितरण के माध्यम से चुनाव को प्रभावित करने के प्रयासों को बेहद गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के हित में इस पर शीघ्र और ठोस उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने बिहार चुनाव के कड़वे अनुभव से सबक लेते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को नए चुनावी हालात का सामना करने के लिए पूरी तैयारी के साथ जुटने का आह्वान किया। उन्होंने चुनाव तैयारी के साथ-साथ मतगणना प्रक्रिया के लिए भी पार्टी कैडर को समुचित प्रशिक्षण देने पर बल दिया।

    मनरेगा में बदलाव को लेकर बसपा प्रमुख

    मनरेगा में बदलाव को लेकर बसपा प्रमुख ने उप्र में बसपा सरकार के समय हमारा मत था कि यदि केंद्र सरकार ऐसी कोई राष्ट्रीय योजना शुरू करना चाहती है तो उसका भार उसको ही वहन करना चाहिए। मायावती ने ग्रामीण रोजगार से जुड़े मुद्दों पर बोलते हुए मनरेगा में प्रस्तावित बदलावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा के स्थान पर प्रस्तावित नई ‘विकसित भारत ग्रामीण रोजगार योजना’ में केंद्र सरकार का अंश 90 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत करना राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा, जिसका विरोध स्वाभाविक है। उनका कहना है कि यदि केंद्र सरकार कोई राष्ट्रीय योजना लागू करना चाहती है तो उसका पूरा वित्तीय भार केंद्र को ही वहन करना चाहिए, अन्यथा इसका सीधा असर गरीब और जरूरतमंद लोगों को मिलने वाले लाभ पर पड़ेगा।

    साथ ही उन्होंने घोषणा की कि बीएसपी हर वर्ष की तरह इस बार भी 15 जनवरी को पार्टी प्रमुख का जन्मदिन ‘जनकल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाएगी। उत्तर प्रदेश में यह कार्यक्रम मंडल स्तर पर जबकि अन्य राज्यों में जोन स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें संबंधित केंद्रीय समन्वयक और वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे।