BSP in UP: कांशीराम की पुण्यतिथि पर ताकत दिखा विरोधियों को जवाब देंगी मायावती
BSP Set For ComeBack in UP बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत लगाए गए टैरिफ को लेकर कहा कि इससे सही से निपटने के लिए भारत सरकार व सत्ताधारी पार्टी भाजपा को देशहित का ध्यान रखते हुये अपनी नीतियों व कार्यक्रमों में ठोस सुधारवादी रवैया अपनाना होगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: बीते कई चुनावों से कमजोर पड़ी बसपा कांशीराम की पुण्यतिथि पर अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं नया उत्साह जगाने के साथ विरोधियों को ताकत दिखाने की भी कोशिश करेगी।
पार्टी संस्थापक की पुण्यतिथि पर लखनऊ में बने स्मारक पर राज्य स्तरीय आयोजन किया जाएगा और उसमें पांच लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए वर्तमान में चल रहे सांगठनिक कार्यों को भी रोक दिया गया है। पुण्यतिथि आयोजन के बाद चुनावी अभियान को गति दी जाएगी। पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संगठन के पुनर्गठन के बाद हुई पहली राज्य स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने विपक्षी दलों पर पार्टी को कमजोर करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया और कार्यकर्ताओं को इससे सावधान रहने की हिदायत दी।
मायावती ने हाल ही में भतीजे आकाश आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक घोषित किया है। इसके साथ राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर और विभिन्न राज्यों के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की घोषणा की है। इसके बाद रविवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश के सभी प्रमुख पदाधिकारियों से जिलों तक के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई गई थी।
मायावती ने बैठक में जनाधार बढ़ाने की कोशिश और बूथ समितियों के गठन की प्रगति की जानकारी ली। बताया गया कि 80 प्रतिशत लक्ष्य कर लिया गया है। मायावती ने बाकी काम आगे बढ़ाने से पहले कांशीराम की पुण्यतिथि के आयोजन की तैयारी में जुटने के निर्देश दिए। अधिक से अधिक भीड़ जुटाने की हिदायत दी गई। इससे पहले बसपा की सबसे बड़ी रैली 15 जनवरी 2009 को मायावती के जन्मदिन पर हुई थी, उस समय राज्य में बसपा की ही सरकार थी। 15 जनवरी 2014 को लोकसभा चुनाव से पहले राज्य स्तरीय आयोजन किया गया था।
पिछली बार नौ अक्टूबर 2021 को कांशीराम की पुण्यतिथि पर प्रदेश भर से कार्यकर्ता जुटे थे। मायावती की कोशिश इस बार भी बड़ी भीड़ जुटाकर विरोधियों के बसपा के कमजोर होने के आरोपों को जवाब देने की है। भीड़ जुटने से प्रदेश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का संचार होगा और पंचायत चुनाव व उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी बेहतर तरीके से हो सकेगी।
बैठक में मायावती ने कहा कि इस बार पुण्यतिथि कार्यक्रम बसपा सरकार में बनाए गए कांशीराम स्मारक स्थल में आयोजित किया जाएगा और वह खुद इसमें शामिल होंगी। आयोजन में प्रदेश भर से कार्यकर्ताओं के एक दिन पहले लखनऊ पहुंचने की पुरानी परंपरा को देखते हुए, ठहरने आदि पर्याप्त व्यवस्थाएं की जाएंगी।
बसपा प्रमुख ने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि विरोधी पार्टियों द्वारा मिलीभगत कर बसपा और उसके नेतृत्व को कमजोर करने का षडयंत्र किया जा रहा है। ये पार्टियों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को मिले उनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों से वंचित करके लाचार व मजबूर बनाए रखना चाहती है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का अवसर न मिले। बसपा की प्रदेश में सरकारों के दौरान इन वर्गाें को पूरा अवसर मिला था।
मायावती ने अमेरिका द्वारा भारत लगाए गए टैरिफ को लेकर कहा कि इससे सही से निपटने के लिए भारत सरकार व सत्ताधारी पार्टी भाजपा को देशहित का ध्यान रखते हुये अपनी नीतियों व कार्यक्रमों में ठोस सुधारवादी रवैया अपनाना होगा। नहीं तो देश के बहुजन की गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा, घरो से दूर पलायन की विवशता आदि की समस्याएं और बढेंगी।
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