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    'भाजपा को हराना है तो सपा-कांग्रेस छोड़ बसपा से जुड़ें मुसलमान', मायावती ने भाईचारा कमेटियों संग बैठक में की अपील

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 03:42 PM (IST)

    बसपा 2027 के विधान सभा चुनावों के लिए मुस्लिमों के बीच पकड़ बनाने की कोशिश करेगी। मायावती ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए मुस्लिम समाज को सपा-कांग्रेस छोड़ बसपा का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने भाईचारा कमेटियों को पार्टी की नीतियों का प्रचार करने के निर्देश दिए। बसपा ने 18 मंडलों में मुस्लिम भाईचारा संगठन का गठन किया है। मायावती ने कहा कि बसपा ने हमेशा मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा की है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा वर्ष 2027 के विधान सभा चुनावों के लिए अपनी ताकत बढ़ाने को मुस्लिमों के बीच पकड़ बनाने की काेशिश तेज करेगी। समाज में यह संदेश दिया जाएगा कि भाजपा को केवल बसपा ही हरा सकती है।

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    मंगलवार को पार्टी के मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज को एकजुटता के साथ, सपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के के बजाय सीधे बसपा को ही समर्थन जरूरी है, जिससे भाजपा की घातक राजनीति को चुनाव में हराया जा सके। क्योंकि पुराने चुनावों का अनुभव है कि मुस्लिम समाज के एकतरफा समर्थन व वोट देने के बावजूद सपा, भाजपा को हराने में नाकाम रही थी। उन्हाेंने भाईचारा कमेटियों के कोऑर्डिनेटर को समाज के बीच जाकर यह संदेश पहुंचाने और पार्टी की नीतियों का प्रचार करने के निर्देश दिए।


    मंगलवार को राज्य मुख्यालय में हु़ई बैठक में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में दो-सदस्यीय मुस्लिम भाईचारा संगठन का गठन किया गया है। ये दोनों मंडल स्तरीय काेआर्डिनेटर अपने मंडल में प्रत्येक विधानसभा वार मुस्लिम समाज के बीच छोटी-छोटी बैठकें करें और उन्हें बसपा में जोड़ने का कार्य करें। कैडर आधारित इन बैठकों में लोगों को बसपा के मिशन के बारे में बताने के साथ उनको पार्टी का सदस्य जरूर बनाया जाए। उनको चार बार की सरकार में किए कार्यों, उपलब्धियों की जानकारी दी जाए।


    बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बसपा ने पार्टी और सरकार के रूप में हमेशा मुस्लिम समाज के हितों के साथ हर स्तर पर भागीदारी और सुरक्षा सुनिश्चित की है। जातिवाद व सांप्रदायिकता को काफी हद तक खत्म किया। जबकि दूसरी पार्टियों के लोग मुस्लिम समाज को केवल वोट के स्वार्थ के लिये इस्तेमाल करते हैं और सरकार बनने पर भुला देते हैं।

    वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव और उससे पहले के चुनावों से यह स्पष्ट है कि यूपी में मुस्लिमों के पूरे समर्थन के बाद भी सपा व कांग्रेस आदि भाजपा को नहीं हरा पा रहे हैं। दूसरी तरफ मुस्लिम समाज का काफी कम समर्थन मिलने पर भी बसपा ने भाजपा को परास्त करके दिखाया है और वर्ष 2007 में तो बहुमत की सरकार भी बनाई है। हकीकत में सपा व कांग्रेस आदि के गलत कार्यकलापों से ही भाजपा यूपी में मजबूत हुई है। लगभग हर चुनाव में सपा व कांग्रेस आदि पूरी ताकत भाजपा को नहीं बल्कि बसपा को हराने में ही लगी रही है।


    उन्होंने शमसुद्दीन राईन पर कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि सपा-कांग्रेस जैसी विरोधी पार्टियों के घिनौने हथकंडों के साथ पार्टी में कुछ स्वार्थी व अवसरवादी लोगों की चुनौती का सामना करना पड़ता है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करनी पड़ती है। इसका ताजा उदाहरण ‘शमसुद्दीन राईन‘ हैं। बैठक में मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद भी शामिल हुए। मुस्लिम समाज के बाद बसपा प्रमुख ने पहली नवंबर को ओबीसी समाज को लेकर बैठक बुलाई है।