Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लखनऊ में तैयार होगी देश की दूसरी बीएसएल-4 लैब, वायरस और जैविक हथ‍ियारों पर होगा र‍िसर्च

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 13 Aug 2021 01:13 PM (IST)

    अभी पुणे में देश की एक मात्र बीएसएल-4 लैब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) है। विशेषज्ञों के अनुसार लखनऊ में इस लैब के बनने से देश की ताकत सामर ...और पढ़ें

    Hero Image
    केजीएमयू ने देश की दूसरी बीएसएल-4 लैब बनाने के लिए ढूंढ़ी जगह।

    धर्मेन्द्र मिश्रा, लखनऊ। कोरोना और उससे भी खतरनाक माने जाने वाले दुनिया भर के अज्ञात वायरस और जैविक आतंकवाद से मुकाबले के लिए लखनऊ के रहमान खेड़ा में जमीन खोज ली गई है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) ने देश की दूसरी बॉयोसैफ्टी लेवल-4 (बीएसएल-4) लैब के लिए 50 एकड़ भूमि का चिह्नीकरण कर लिया है। केजीएमयू के कुलपति डा. बिपिन पुरी के अनुसार लैब को बनने में करीब तीन वर्ष लगेंगे। लैब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभी पुणे में देश की एक मात्र बीएसएल-4 लैब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) है। विशेषज्ञों के अनुसार लखनऊ में इस लैब के बनने से देश की ताकत सामरिक दृष्टि से और मजबूत हो जाएगी। केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह ने बताया कि रहमान खेड़ा में 50 एकड़ जमीन इसके लिए चिह्नित कर ली गई है।

    क्या होगा लैब में : यहां रेयरेस्ट ऑफ द रेयर डिजीज के कारकों और उसका समाधान खोजने के लिए रिसर्च किया जाएगा। इस तरह की लैब में दुनिया में सबसे खतरनाक माने जाने वाले पैथोजन होते हैं, जिन पर शोध चलता रहता है। यह लाइलाज और जानलेवा पैथोजन होते हैं। पैथोजन एक तरह से अज्ञात वायरस, बैक्टीरिया, फंगस इत्यादि कुछ भी हो सकते हैं। इन पर शोध करते जरा सी लापरवाही लैब कर्मियों के साथ पूरे इलाके देश व दुनिया के लिए घातक हो सकती है। चीन की वुहान लैब से निकला तथाकथित कोरोना वायरस इसका एक ज्वलंत उदाहरण है। इसलिए इसे आबादी से दूर बनाया जाता है। अमेरिका, रूस, चीन कनाडा इत्यादि देशों में ऐसी कई लैब हैं।

    कई देश अज्ञात रूप से बनाते हैं जैविक हथियार : इस तरह की लैब में कई देश अज्ञात रूप से जैविक हथियार बनाते हैं। बाद में इसका इस्तेमाल कुछ देश जैविक आतंकवाद फैलाने के इरादे से कर सकते हैं। देश में बीएसएल-4 लैब की सामथ्र्य बढऩे से कोराना समेत तमाम अज्ञात वायरस के खिलाफ जंग को काफी आसान बनाया जा सकेगा। साथ ही जैविक आतंकवाद का भी डटकर मुकाबला हो सकेगा।