'हिंदुओं के हक में फैसला आते ही महाभियोग की राजनीति करने लगे सपा प्रमुख', ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर तमिलनाडु कफ सिरप कांड और हिंदुओं के पक्ष में फैसला देने वाले जज के खिलाफ महाभियोग का समर्थन ...और पढ़ें

कफ सिरप कांड पर ब्रजेश पाठक का अखिलेश यादव पर हमला
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने तमिलनाडु कफ सिरप कांड, हिंदुओं के पक्ष में फैसला देने वाले जज के खिलाफ महाभियोग और अखिलेश यादव की रहस्यमयी चुप्पी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ सियासत का नहीं, बल्कि सनातन, हिंदू आस्था और मासूमों के न्याय का सवाल है। बृजेश पाठक ने सीधे आरोप लगाया कि अखिलेश यादव यूपी के बाद अब तमिलनाडु में भी हिंदुओं के विरोध की राजनीति कर रहे हैं। हिंदुओं को पूजा-पाठ और दिया जलाने का अधिकार देने वाला न्यायिक फैसला उन्हें असहज कर गया, इसलिए उन्होंने जज पर महाभियोग का समर्थन किया।
वहीं दूसरी ओर, तमिलनाडु में बनी ज़हरीली कफ सिरप से मासूमों की मौत पर अखिलेश यादव की चुप्पी यह साबित करती है कि वह अपने राजनीतिक मित्र एमके स्टालिन को बचाने के लिए बच्चों की लाशों पर भी राजनीति कर सकते हैं। बृजेश पाठक ने कहा कि हिंदू और सनातन विरोध की राजनीति करने वालों से दोस्ती निभाने के लिए अखिलेश यादव ने मासूमों के न्याय को भी कुर्बान कर दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि सनातन, हिंदू समाज और मासूम बच्चों के न्याय पर किसी भी तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सच सामने आएगा और दोषियों को हर हाल में जवाब देना होगा।
सनातन और हिंदू आस्था को कुचलने का प्रयास
हिंदुओं के पक्ष में आए ऐतिहासिक फैसले पर जज के खिलाफ महाभियोग के समर्थन को लेकर अखिलेश यादव को कठघरे में खड़ा करते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को अदालत का वह फैसला बिल्कुल भी रास नहीं आया, जिसमें हिंदुओं को पूजा-पाठ करने और दिया जलाने का संवैधानिक अधिकार मिला। सनातन के हक में आए फैसले से बौखलाकर अखिलेश यादव ने बिना देर किए महाभियोग की साजिशी राजनीति शुरू कर दी।
बृजेश पाठक ने सवाल दागते हुए कहा कि यह दोहरा चरित्र नहीं, तो और क्या है? उन्होंने आगे कहा कि आज देश की जनता अखिलेश यादव से जवाब मांग रही है कि हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करने वाले जज के खिलाफ महाभियोग पर उन्होंने हस्ताक्षर क्यों किए? क्या यह फैसला न्याय के खिलाफ था या फिर एमके स्टालिन से दोस्ती निभाने की कीमत पर सनातन और हिंदू आस्था को कुचलने का प्रयास? बृजेश पाठक ने साफ किया कि हिंदू विरोध और तुष्टिकरण की यह राजनीति अब बेनकाब हो चुकी है और इसका जवाब अखिलेश यादव को देना ही होगा।
मासूमों की लाशों पर राजनीति कर रहे अखिलेश
तमिलनाडु में बनी ज़हरीली कफ सिरप से मासूम लोगों की मौत पर अखिलेश यादव की खामोशी को लेकर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि जब मासूमों की सांसें एक-एक कर छीनी जा रही थीं, तब अखिलेश यादव की चुप्पी उनकी असली प्राथमिकताओं को बेनकाब करती है। यूपी में बैठकर झूठा जातीय नैरेटिव गढ़ना उन्हें आसान लगा, लेकिन तमिलनाडु में मौत के सौदागरों पर बोलने की हिम्मत इसलिए नहीं हुई क्योंकि वहां उनके राजनीतिक दोस्त बैठे हैं।
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या एमके स्टालिन को बचाने के लिए ही यूपी में कफ सिरप का फर्जी नैरेटिव खड़ा किया गया, तो बृजेश पाठक ने दो टूक कहा कि तथ्यों से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर झूठी कहानियां फैलाई गईं। तमिलनाडु में चुनाव सिर पर हैं, इसलिए वहां कफ सिरप कांड चुनावी मुद्दा न बन जाए—यही पूरा खेल है और यही अखिलेश यादव की राजनीति का असली चेहरा।
पप्पन यादव, मनोज यादव, आलोक सिंह और वसीम जैसे नामों से रिश्तों पर अखिलेश यादव की चुप्पी को लेकर बृजेश पाठक ने कहा कि यह चयनात्मक नैतिकता नहीं, बल्कि अवसरवादी चरित्र है। जहां जवाबदेही तय होती है, वहां अखिलेश यादव मौन साध लेते हैं और जहां भ्रम फैलाकर राजनीति चमकानी होती है, वहां शोर मचाया जाता है।
तमिलनाडु के कफ सिरप नेक्सस पर बृजेश पाठक ने तीखे शब्दों में कहा कि जब बड़े नेता चुप रहते हैं, तो हत्यारे सिंडीकेट को सीधा संरक्षण मिलता है। मासूम बच्चों की मौत को राजनीति की धूल में दबाने की साजिश रची गई, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि सच न दबेगा, न झुकेगा और मासूमों के खून का हिसाब लिया जाएगा।

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