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    यूपी में कितने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में हो रहा कैंसर का इलाज? उप मुख्यमंत्री ने विधानसभा में दिया जवाब

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 06:01 PM (IST)

    उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विधान सभा में कहा कि कफ सीरप अवैध नहीं है, बल्कि बिना चिकित्सीय प्रिस्क्रिप्शन के इसकी बिक्री अवैध है। माफिया गैंग फर्जी ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधान सभा में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कफ सीरप अवैध नहीं है, बल्कि इसकी बिक्री अवैध तरीके से बिना चिकित्सीय प्रिस्क्रिप्शन के किया जाना अवैध है। माफिया गैंग फर्जी डाक्यूमेंट बनाकर भारी मात्रा में कफ सिरप इकट्ठा करके नशे के लिए मार्केट में डाइवर्ट करते थे। इसमें सुपर स्टाकिस्ट से लेकर रिटेलर तक की चेन माफिया ने बना रखी थी। कफ सीरप से राज्य में किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है।

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    उन्होंने कहा कि संदिग्ध लोगों के विरुद्ध प्रिस्क्रिप्शन बिना बिक्री को रोकने के लिए भी कार्यवाही की जा रही है। उत्तर प्रदेश में इसका कोई उत्पादन नहीं होता है और ना ही प्रदेश में किसी की मृत्यु हुई है। भ्रामक सूचना फैलाकर पूरा मामला उलझाया गया है।

    कैंसर चिकित्सा पर उठे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 222 निजी और 26 सरकारी चिकित्सीय संस्थानों में इस समय कैंसर के इलाज की सुविधा है। राज्य के सभी चिकित्सालयों में 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का परीक्षण कराया जा रहा है। 65 कैंसर डे परीक्षण शुरू किए जा रहे हैं।