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    यूपी में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को जिला अस्पतालों में मिलेगा इलाज, मेडिकल कॉलेजों से जुड़ेंगे सभी हॉस्पिटल

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में अब ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को जिला अस्पतालों में भी इलाज मिलेगा। सभी जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा जाएगा, जिससे मरीजों को ...और पढ़ें

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    ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को जिला अस्पतालों में मिलेगा इलाज।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को भी जिला अस्पताल में इलाज मिलेगा। उन्हें इलाज के लिए चिकित्सा संस्थान या मेडिकल कॉलेज लेकर नहीं जाना होगा। केजीएमयू, एसजीपीजीआई सहित 10 मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पतालों को जोड़कर ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की जान बचायी जाएगी।

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    डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को सात जिलों के अस्पतालों से जोड़कर शुरू किए पायलट प्रोजेक्ट में इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। अब इस सुविधा को पूरे प्रदेश में शुरू करने की तैयारी है।

    स्वास्थ्य विभाग ने हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाने के लिए स्टेमी केयर नेटवर्क बनाया है। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर ही हार्ट अटैक के मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

    इसी तरह अब ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को हब एंड स्पोक माडल पर इलाज देने की तैयारी है। यदि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों वाला मरीज चार घंटे के अंदर जिला अस्पताल पहुंच जाएगा तो उसको गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाया जा सकेगा। इस सुविधा में मरीज का सीटी स्कैन कराकर चिकित्सा संस्थान या मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलाजिस्ट के वाट्सएप ग्रुप पर भेजेगा।

    न्यूरोलाजिस्ट सीटी स्कैन को देखकर मस्तिष्क में बने खून के थक्के को गलाने वाला इंजेक्शन लगाने की सलाह देगा है। समय पर इंजेक्शन लग जाने से मरीज को लकवा या अन्य गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाया जा सकेगा।

    स्वास्थ्य विभाग लोहिया इंस्टीट्यूट के अलावा एसजीपीजीआई, केजीएमयू, रिम्स सैफई, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज, लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ, रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर हब के रूप में जिला अस्पतालों से जोड़ेगा।

    चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जिला अस्पतालों में इलाज की सुविधा शुरू होगी। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा़ रतन पाल सिंह सुमन ने बताया कि इस सुविधा के लिए जिला अस्पतालों में डॉक्टर, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    फरवरी तक सभी जिलों में इलाज की सुविधा शुरू की जाएगी। लोहिया इंस्टीट्यूट से अयोध्या, बाराबंकी, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बस्ती, गोंडा के जिला व संयुक्त चिकित्सालयों को जोड़ा गया है। बीते चार महीने में 844 मरीजों के इलाज के लिए संपर्क किया गया। इनमें से सात को ही खून का थक्का गलाने वाले इंजेक्शन की जरूरत पड़ी थी।

    ये हैं ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

    • बोलने या समझने में दिक्कत।
    • अचानक चेहरे का लटकना।
    • एक हाथ या पैर में कमजोरी।
    • एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखना।
    • संतुलन खोकर गिरना।