एसआईआर में आज से बीएलओ घर-घर बांटेंगे गणना प्रपत्र, मतदाता सूची अपडेट करने का अभियान
एसआइआर में आज से बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र बांटेंगे। इसका उद्देश्य सभी परिवारों तक प्रपत्र पहुंचाना है, ताकि गणना प्रक्रिया ठीक से हो सके। बीएलओ प्रत्येक घर में जाकर प्रपत्र वितरित करेंगे और लोगों को इसके महत्व के बारे में समझाएंगे। सही जानकारी देने से सरकार को योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में 22 वर्ष बाद हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का सबसे अहम चरण मंगलवार चार नवंबर से शुरू हो रहा है। इसमें बीएलओ घर-घर जाकर दो प्रतियों में गणना प्रपत्र बांटेंगे।
इस गणना प्रपत्र में मतदाता का नाम, एपिक संख्या, भाग संख्या, क्रम संख्या एवं विधान सभा क्षेत्र का नाम पहले से लिखा होगा। गणना प्रपत्र में जन्म तिथि, आधार संख्या, मोबाइल नंबर, माता-पिता का नाम व उनका एपिक नंबर, पति या पत्नी का नाम व एपिक नंबर भरना होगा।
गणना प्रपत्र वितरित करने व भरे हुए वापस लेने की समय सीमा चार दिसंबर है। नौ दिसंबर मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद दावे व आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रों की मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण की पात्रता तिथि एक जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि चार नवंबर से चार दिसंबर तक गणना प्रपत्र घर-घर वितरित किए जाएंगे।
दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि नौ दिसंबर से आठ जनवरी तक रखी गई है। इस दौरान मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, सुधार करवाने या किसी नाम को हटाने के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
एसआईआर के तहत गणना प्रपत्रों के जमा होने के बाद उनकी जांच की जाएगी। वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान करने के बाद उन लोगों को नोटिस दिया जाएगा जिनके रिकार्ड नहीं मिल पाएंगे।
नोटिस देने के अभियान नौ दिसंबर से 31 जनवरी तक चलेगा। इस अवधि में संबंधित प्राधिकारी गणना प्रपत्रों पर निर्णय लेकर दावे और आपत्तियों का निस्तारण करेंगे। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन सात फरवरी को किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान मतदाताओं को सही और अद्यतन सूची उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साफ-सुथरी मतदाता सूची बन जाने से चुनाव में मतदान प्रतिशत भी बढ़ जाएगा।
उन्होंने पात्र नागरिकों से अपील की है कि वे निर्धारित अवधि में अपने नाम की जांच कर आवश्यक संशोधन या नया पंजीकरण अवश्य कराएं ताकि आगामी चुनावों में कोई मतदाता मताधिकार से वंचित न रह जाएं।
पोर्टल पर देख सकते हैं 2003 की मतदाता सूची
भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल (http://voters.eci.gov.in) या फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पार्टल (https://ceouttarpradesh.nic.in) से वर्ष 2003 की मतदाता सूची में आप अपना नाम देख सकते हैं।
स्वयं का नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में न होने की स्थिति में अपने संबंधी का नाम यदि उसमें है तो उसका विवरण भी स्वयं या फिर बीएलओ की सहायता से गणना प्रपत्र पर भरा जा सकता है।

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