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    'गुरु चरण यात्रा' से सियासी समीकरण साधेगी भाजपा, यूपी के 16 जिलों से गुजरेगी यह यात्रा; 30 को पहुंचेगी वाराणसी

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 08:36 PM (IST)

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में 'गुरु चरण यात्रा' निकालकर राजनीतिक समीकरण साधने की तैयारी में है। यह यात्रा यूपी के 16 जिलों से गुजरेगी और इसका समापन वाराणसी में होगा। इस यात्रा का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को एकजुट करना और आगामी चुनावों के लिए समर्थन जुटाना है। भाजपा इस यात्रा के माध्यम से जनता तक अपनी नीतियों को पहुंचाने का प्रयास करेगी।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नई दिल्ली से गुरुवार 23 अक्टूबर से शुरू हुई ‘गुरु चरण यात्रा–पवित्र जोड़ा साहिब’ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गई। पहले दिन मथुरा से आगरा यह यात्रा पहुंची। सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह और माता साहिब कौर का पवित्र जोड़ा साहिब सिख समुदाय के लिए अत्यंत श्रद्धा का प्रतीक है। यह यात्रा प्रदेश के 16 जिलों मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, कासगंज, एटा, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ, उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, प्रयागराज व बनारस से होकर गुजरेगी। इस यात्रा के जरिए भाजपा सियासी समीकरण भी साधेगी।

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    यूं तो यात्रा का उद्देश्य गुरु परंपरा और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रसार के साथ-साथ सामाजिक समरसता का संदेश देना बताया गया है। हालांकि सियासी हलकों में इसे भाजपा का ''साफ्ट हिंदुत्व' एजेंडा बताते हुए 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि भाजपा पर्दे के पीछे इस यात्रा को सफल बनाने में जुटी हुई है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री इस यात्रा के संयोजक बनाए गए हैं। ‘गुरु चरण यात्रा’ न केवल धार्मिक, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है।

    यह यात्रा शनिवार को आगरा से टूंडला, एटा, कासगंज, बदायूं होते हुए बरेली पहुंचेगी। इसके बाद 26 अक्टूबर को बरेली से पीलीभीत, पूरनपुर खुटार, भीरा होते हुए लखीमपुर खीरी जिले में पहुंचेगी। 27 को लखीमपुर से सीतापुर होते हुए लखनऊ पहुंचेगी। 28 अक्टूबर को उन्नाव होते हुए कानपुर पहुंचेगी।

    29 को कानपुर से फतेहपुर, खागा होते हुए प्रयागराज यात्रा पहुंचेगी। 30 को यह यात्रा प्रयागराज से हंडिया, औराई होते हुए वाराणसी पहुंचेगी। यहां से यात्रा सासाराम बिहार निकल जाएगी। जहां भी यात्रा गुजरेगी वहां धार्मिक सभाएं और संत संवाद कार्यक्रम भी होंगे। पार्टी ने यात्रा को भव्य स्वरूप देने के लिए हर जिले में रूट, मीडिया, आवास और भोजन प्रमुखों की टीम बनाई है। करीब 75 बसों के बेड़े में 150 साधु-संत और कार्यकर्ता इस यात्रा का हिस्सा हैं। प्रत्येक जिले में स्वागत कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन होंगे।