...तो तैयार है BJP का प्लान-B, यूपी में हार के बाद इस कमी को दूर करेगी पार्टी; उपचुनाव में होगी कांटे की टक्कर!
विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। पार्टी ने प्लान तैयार कर लिया है जिसके तहत पार्टी पहले रूठे नेताओं को मनाएगी। इसके लिए अनुसूचित जाति मोर्चा की तरफ से प्रदेश भर में अभियान चलाया जाएगा। पार्टी की कोशिश है कि विस उप चुनाव से पहले ही यह अभियान पूरा करके इन्हें संगठन में दोबारा से सक्रिय कर लिया जाए।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानसभा उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा रूठे नेताओं को मनाएगी। इसके लिए अनुसूचित जाति मोर्चा की तरफ से प्रदेश भर में अभियान चलाया जाएगा। मोर्चा के पदाधिकारी वंचित समाज के रूठे व निष्क्रिय नेताओं को दोबारा सक्रिय करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने बीते शनिवार व रविवार को लखनऊ में दो दिवसीय प्रवास के दौरान प्रदेश महामंत्रियों व क्षेत्रीय अध्यक्षों के अलावा कोर समिति तथा अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा की थी।
उन्होंने लोकसभा व विधानसभा सीट वार हार के कारणों को जाना था। भाजपा लोस चुनाव के परिणाम के बाद यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर वह कौन से कारण रहे हैं कि वंचित समाज का बड़ा वोट बैंक बसपा से खिसक कर कांग्रेस व सपा के पक्ष में चला गया।
पदाधिकारियों से ली हार के कारणों की जानकारी
बीएल संतोष ने अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारियों से भी हार के कारणों के बारे में जानकारी ली थी। मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया था कि वंचित समाज का वोट बैंक खिसकने का बड़ा कारण संविधान में बदलाव को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार का रहा है। साथ ही टिकट बंटवारे में स्थानीय स्तर पर नेताओं की राय को तवज्जो न देने के कारण भी तमाम नेताओं व कार्यकर्ताओं ने चुनाव से दूरी बना ली थी।
इसकी वजह से विपक्ष के दुष्प्रचार को लेकर वंचित समाज के मतदाताओं को जागरूक नहीं किया जा सका। बैठक में विधानसभा उप चुनाव को लेकर सभी रूठे व निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को मनाने का निर्णय लिया गया था। इस बारे में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आरसी कन्नौजिया ने बताया कि मोर्चा की तरफ से अभियान चलाकर वंचित समाज के रूठे व पार्टी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे नेताओं व कार्यकर्ताओं को मनाया जाएगा।
कोशिश है कि विस उप चुनाव से पहले ही यह अभियान पूरा करके इन्हें संगठन में दोबारा से सक्रिय कर लिया जाए। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को पिछले लोस चुनाव की तुलना में 29 सीटों का नुकसान हुआ है। 2019 के लोस चुनाव में भाजपा को 62 सीटें मिली थीं। इस बार 33 सीटें ही मिली हैं।
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