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    Online Attendance UP: डिजिटल अटेंडेंस के मुद्दे पर भाजपा MLC के पत्र ने मचाया बवाल, सीएम योगी से कह दी ये बात

    भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने शिक्षकों के ऑनलाइन उपस्थिति के मुद्दे को लेकर सीएम योगी को पत्र लिखा है। उनके इस पत्र से खलबली मची है। पत्र में उन्होंने कहा है कि यह व्यवस्था वापस ली जानी चाहिए। वहीं परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने सोमवार को ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में सभी जिलों में प्रदर्शन किया है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 15 Jul 2024 09:45 PM (IST)
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    ऑनलाइन उपस्थिति के मुद्दे पर भाजपा एमएलसी ने सरकार को घेरा, आदेश वापस लेने की मांग।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को तत्काल वापस लेने की मांग की है। 

    उन्होंने कहा कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं। बीते दिनों स्कूल शिक्षा महानिदेशालय में 85 कर्मचारी गैरहाजिर मिले थे? क्या वहां पर ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था लागू की गई। वहीं उन्होंने अधिकारियों पर स्मार्ट फोन व टैबलेट खरीदने में घोटाला करने का भी आरोप लगाया है।

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    यहां देखें पत्र की कॉपी-

    शिक्षकों ने निकाला मार्च

    परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने सोमवार को ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में सभी जिलों में प्रदर्शन किया। विद्यालय बंद होने के बाद दोपहर तीन बजे शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालयों में एकत्र हुए और वहां से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला। अपने-अपने संबंधित जिलों में डीएम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। 

    बहिष्कार रहेगा जारी

    शिक्षकों ने अर्द्धावकाश, आकस्मिक अवकाश और अर्जित अवकाश दिए जाने की मांग की। वहीं महानिदेशक, स्कूल शिक्षा से शिक्षकों ने मुलाकात की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अभी बहिष्कार जारी रहेगा। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के सभी जिलों में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाई। 

    शिक्षकों की समस्याओं को भी देखें

    मोर्चा के संयोजक अनिल यादव व संतोष तिवारी ने मांग की है कि तत्काल ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को स्थगित किया जाए। सिर्फ एसी कमरे में बैठकर अधिकारी ऐसी व्यवस्था न थोपें। वह शिक्षकों की समस्याओं को भी देखें। दूर-दराज से शिक्षक विद्यालय पहुंचते हैं, देर होने पर पूरे दिन का वेतन काटना उचित नहीं है। 

    ऐसे में शिक्षकों को अर्द्ध अवकाश, आकस्मिक अवकाश व अर्जित अवकाश की सुविधा दी जाए। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से वार्ता के लिए बुलाए जाने पर संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन का हवाला दिया और पहले व्यवस्था को स्थगित करने फिर वह वार्ता करेंगे। अगर मांगें पूरी न हुईं तो 29 जुलाई को महानिदेशालय पर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन होगा।

    ठोस आश्वासन नहीं दे सकती: महानिदेशक

    उधर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात की और उन्हें 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। उन्होंने वर्ष भर में 15 अर्द्ध अवकाश और 30 अर्जित अवकाश इत्यादि की सुविधा दी जाए। 

    महानिदेशक ने कहा कि वह अभी उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दे सकती। उनके मांग पत्र पर विचार किया जाएगा। ऐसे में महासंघ ने भी ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार जारी रखने की घोषणा की है। 

    वहीं, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के राजधानी से बाहर होने के कारण उनसे महासंघ पदाधिकारियों की वार्ता नहीं हो सकी।

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