Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Exclusive Interview: यूपी में कितने BJP सांसदों का कटेगा टिकट, RLD से गठबंधन; भूपेंद्र सिंह चौधरी ने दिया जवाब

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Thu, 24 Aug 2023 01:00 PM (IST)

    Bhupendra Singh Chaudhary Exclusive Interview भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रहे भूपेन्द्र सिंह चौधरी का कहना है कि जनता के बीच लगातार उपस्थिति दर्ज कराने और अपने संकल्पों को पूरा करने वाली भाजपा आगामी लोक सभा चुनाव में अपने कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाएगी। प्रस्तुत है उनसे विशेष संवाददाता राजीव दीक्षित की बातचीत के मुख्य अंश...

    Hero Image
    Exclusive Interview: यूपी में कितने BJP सांसदों का कटेगा टिकट, RLD से गठबंधन; भूपेंद्र सिंह चौधरी ने दिया जवाब

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रहे भूपेन्द्र सिंह चौधरी का कहना है कि जनता के बीच लगातार उपस्थिति दर्ज कराने और अपने संकल्पों को पूरा करने वाली भाजपा आगामी लोक सभा चुनाव में अपने कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उनके मुताबिक, सामाजिक-राजनीतिक समीकरण को महत्व देने के साथ जिताऊ उम्मीदवार होना भी लोक सभा चुनाव में टिकट वितरण की कसौटी होगी। उनका यह भी मानना है कि भाजपा सांसदों के कार्य और व्यवहार के मूल्यांकन में पार्टी के बूथ कार्यकर्ता की रिपोर्ट सटीक होती है। प्रस्तुत है उनसे विशेष संवाददाता राजीव दीक्षित की बातचीत के मुख्य अंश...

    लोकसभा चुनाव में 80 सीटें जीतने के दावे का आधार क्या है?

    भाजपा को जनसमर्थन लगातार बढ़ रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद भाजपा और उसके सहयोगियों को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले। पार्टी ने अपने संकल्पों को पूरा किया है या उन्हें पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

    चाहे वह संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाना रहा हो या राम मंदिर निर्माण या समान नागरिक संहिता या फिर देश की सुरक्षा, विकास और गरीब कल्याण से जुड़े मुद्दे।

    लोकसभा चुनाव में पार्टी के मुद्दे क्या होंगे?

    मोदी सरकार ने भाजपा के कोर एजेंडे से जुड़े विषयों के साथ ही देश के विकास के लिए अभूतपूर्व काम किए हैं। भाजपा अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाएगी।

    उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबला किससे है?

    भाजपा के मुकाबले कोई नहीं है क्योंकि जनता के बीच विपक्ष की उपस्थिति नहीं है।

    'आइएनडीआइए' गठबंधन का उप्र में क्या प्रभाव होगा?

    यह गठबंधन विपक्ष द्वारा जनता से जुड़े विषयों और विपक्ष के रूप में अपनी असफल भूमिका से नागरिकों का ध्यान भटकाने के लिए किया गया फोटो सेशन है। विपक्ष कोई भी गठबंधन कर ले लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गठबंधन जनता से है और जनता का गठजोड़ भाजपा से है।

    लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट वितरण का आधार क्या होगा?

    भाजपा में प्रत्याशी चयन के लिए नीचे से शीर्ष स्तर तक बातचीत, परामर्श, सहमति तो होती ही है, सामाजिक-राजनीतिक समीकरण के साथ ही प्रत्याशी के चुनाव जीतने की संभावना पर गौर फरमाने के बाद पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति टिकट के बारे में निर्णय करती है।

    क्या पार्टी ने अपने सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया है?

    भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। हमारे संगठन का ढांचा बूथ तक है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों के बारे में हमारी सूचना का माध्यम कार्यकर्ता हैं और मेरा दृढ़ मत है कि जनप्रतिनिधियों के कार्य-व्यवहार के मूल्यांकन के बारे में बूथ अध्यक्ष की रिपोर्ट सही होती है।

    उप्र में अपने कितने सांसदों के टिकट काटेगी भाजपा?

    टिकट वितरण में हमेशा नए-पुराने चेहरों का मिश्रण होता रहा है और अगला लोकसभा चुनाव भी इस दृष्टि से अपवाद नहीं होगा। टिकट देने और काटने का निर्णय पार्टी की चुनाव समिति करेगी। अभी इस बारे में कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।

    क्या 75 पार वालों के ही टिकट कटेंगे या इसके करीब पहुंचने वाले भी टिकट से वंचित होंगे?

    यह निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को करना है। केंद्रीय नेतृत्व इस बारे में जरूर कोई नीति निर्धारित करेगा।

    जातिवार जनगणना से क्यों भाग रही है भाजपा?

    जातिवार जनगणना राज्य का नहीं, केंद्र का विषय है। भाजपा अंत्योदय और गरीब कल्याण को समर्पित तथा सामाजिक समरसता की पक्षधर है।

    क्या रालोद और आजाद समाज पार्टी से गठबंधन की दिशा में कोई पहल हुई है?

    एनडीए का घटक कौन होगा, यह भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। जो दल मोदी-योगी के नेतृत्व में जारी विकास यात्रा से सहमत हैं, हम उनका स्वागत करेंगे लेकिन इस बारे में निर्णय हमारा केंद्रीय नेतृत्व करेगा।

    जिला और मंडल स्तर पर सांगठनिक फेरबदल कब तक किए जाएंगे?

    यह सांगठनिक फेरबदल जल्द होगा, लेकिन बड़े पैमाने पर नहीं।