यूपी को बायोटेक्नोलॉजी और फार्मा क्षेत्र में आगे बढ़ाने में मदद करेगा केंद्र, शोध और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
बायोटेक्नोलॉजी फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइस के क्षेत्रों में नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए बीआईआरएसी यूपी की मदद करेगा। इसके लिए यूपी फार्मा काउंसिल के साथ मिलकर काम किया जाएगा जिससे यूपी राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सके। सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्र सरकार की संस्था बायोटेक क्षेत्र में एडवांस रिसर्च और उद्योगों के विकास में सहायता करेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइस के क्षेत्रों मे नवाचार, शोध और निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संस्था बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआइआरएएसी) यूपी की मदद करेगी।
काउंसिल राज्य में उत्तर प्रदेश प्रमोट फार्मा काउंसिल के साथ मिलकर इस क्षेत्र में यूपी को राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर अगुआ बनाने की दिशा में काम करेगी। इन क्षेत्रों में नवाचार के लिए सेमिनार, वर्कशाप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री जितेद्र सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बीती 28 जनवरी को इस संबंध में बैठक हुई थी। इस क्रम में मंगलवार को दिल्ली में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल और यूपी फार्मा प्रमोट काउंसिल के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ ही यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित कुमार घोष उपस्थित थे। समझौते के तहत केंद्र सरकार की संस्था बायोटेक क्षेत्र में एडवांस रिसर्च, इनोवेशन और उद्योगों के विकास में यूपी प्रमोट फार्मा काउंसिल की मदद करेगी।
उद्देश्य उत्तर प्रदेश को फार्मास्युटिकल्स, बायोटेक्नोलॉजी, मेडिकल डिवाइस तथा संबंधित क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। इसके लिए रिसर्च, डेवलपमेंट, इनोवेशन, इंक्यूबेशन, इंटरप्रेन्योरशिप और स्टार्टअप का बेहतर माहौल विकसित किया जाएगा।
सार्वजनिक व निजी क्षेत्र को बायोटेक क्षेत्र में इनोवेशन से जोड़ने का काम भी किया जाएगा। दोनों संस्थाएं फार्मा क्षेत्र, बायोटेक्नोलॉजी और मेड टेक क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर मिलकर काम करेंगी। क्षमता विकास के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संयुक्त रूप से कांफ्रेंस, सेमिनार और वर्कशाप आयोजित किए जाएंगे। फार्मा, बायोटेक्नोलॉजी तथा मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इस क्षेत्र के लिए विजन डाक्यूमेंट, नीतियां और गाइडलाइन भी बनाई जाएंगी।
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