शिवपाल यादव Shivpal Yadav
शिवपाल यादव बचपन से ही काफी सामाजिक थे। वह मरीजों को अस्पताल पहुंचाते और जिन लोगों की सुनवाई सरकारी दफ्तरों में नहीं होती तो उनके अटके हुए काम करवाते थे। इस दौरान आम लोगों के लिए थाना-कचहरी में चक्कर लगाना और उनको न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन करना शिवपाल यादव का पसंदीदा शगल था। इस दौरान वह सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में और मंच पर भाग भी लेते थे।

लखनऊ, जागरण ऑनलाइन टीम। Shivpal Yadav Biography Hindi शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के नेता हैं और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। उत्तरप्रदेश की सियासत में सपा को मजबूती के साथ स्थापित करने में शिवपाल यादव का बहुत बड़ा योगदान रहा है। राजनीतिक जानकार तो यहां तक कहते हैं कि सपा जब-जब सत्ता में रही उस दौरान जितने भी फैसले पार्टी की ओर से लिए जाते थे। इनमें सबसे बड़ी भूमिका शिवपाल यादव पर्दे के पीछे रहकर निभाते थे।
सैफई से लखनऊ का सफर
शिवपाल यादव का जन्म इटावा के सैफई में हुआ। 6 अप्रैल साल 1955 में शिवपाल यादव का जन्म हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के स्कूल में ही हुई। यहां से उन्होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास की। साल 1976 में शिवपाल यादव ने ग्रेजुएशन की डिग्री केके कॉलेज से हासिल की। इसके बाद वह लखनऊ आ गए। यहां उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीपीएड की डिग्री ली।
लोगों की मदद करते-करते बन गए नेता
शिवपाल यादव बचपन से ही काफी सामाजिक थे। वह मरीजों को अस्पताल पहुंचाते और जिन लोगों की सुनवाई सरकारी दफ्तरों में नहीं होती तो उनके अटके हुए काम करवाते थे। इस दौरान आम लोगों के लिए थाना-कचहरी में चक्कर लगाना और उनको न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन करना शिवपाल यादव का पसंदीदा शगल था। इस दौरान वह सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में और मंच पर भाग भी लेते थे।
बता दें कि बाबू कपिलदेव, चौधरी चरण सिंह और जनेश्वर मिश्र जैसे बड़े नेता जब इटावा आते तो उनकी सभा गांवों, नुक्कड़, कस्बों में आयोजित करवाने की जिम्मेदारी भी शिवपाल यादव की होती थी। इसके साथ ही वह चुनावी कार्यक्रम में पर्चे तक बांटते थे ताकि लोगों को अधिक से अधिक जोड़ा जा सके। साल 1988 में वह इटावा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष चुने गए। बस यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हो गई।
सपा को मजबूत करने के लिए गांव-गांव घूमे पैदल
शिवपाल यादव के लिए कहा जाता है कि उन्होंने सपा को उत्तरप्रदेश में स्थापित करने के लिए पूरे यूपी को कदमों से नाप दिया। सपा पार्टी को लोगों तक पहुंचाने के लिए वह हर गांव में कई बार पैदल पहुंचते। 90 के दशक में पहली बार वह जसवंत नगर से विधायक बने। इसके बाद सपा में उनका कद बढ़ता गया। साल 2007 में प्रदेश अध्यक्ष रामशरण दास जब बीमार हुए तो मेरठ अधिवेशन में शिवपाल यादव को सपा का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया। इसके बाद वह सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे।
मुलायम सिंह यादव के बच्चों का किया भरण-पोषण
शिवपाल यादव की शादी सरला यादव से हुई। शिवपाल यादव की एक बेटी है जिनका नाम डॉक्टर अनुभा यादव है। वहीं उनका एक बेटा है जिनका नाम आदित्य यादव है।
बताया जाता है कि शिवपाल यादव और उनकी पत्नी ने मुलायम सिंह यादव के बच्चों का भी भरण-पोषण किया। असल में बड़े भाई मुलायम सिंह यादव की जब पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो गया था तब अखिलेश यादव महज 5 साल और प्रतीक यादव केवल 2 साल के थे। इसके बाद शिवपाल और उनकी पत्नी ने ही दोनों बच्चों की देखभाल की थी।
परिवार में अनबन होने के बाद बनाई थी अपनी अलग पार्टी
पारिवारिक मनमुटाव होने के चलते शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने ऐलान किया था कि वह सपा को छोड़ देंगे। साल 2017 31 जनवरी को उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि वह 2017 विधानसभा चुनाव के बाद अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे।
साल 2018 में 28 सितंंबर को उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नामक पार्टी का गठन कर दिया। 24 अक्टूबर साल 2018 को उन्हें अधिकारिक तौर पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नाम की पार्टी के लिए चुनाव आयोग की भी मंजूरी मिल गई। हालांकि बाद में पारिवारिक मनमुटाव को दूर करते हुए शिवपाल वापस सपा में वापसी कर गए। मैनपुरी के उपचुनाव में उन्होंने अपनी बहु डिंपल यादव के लिए धुआंधार प्रचार किया और उन्हें वहां से जीताकर सदन भेजा।
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