अलकायदा के साथ हमले की साजिश रच रहा था सहारनपुर का बिलाल खान, ATS ने पुलिस रिमांड पर लेकर शुरू की पूछताछ
आतंकी संगठन अलकायदा इन इंडियन सब-कांटीनेंट (एक्यूआईएस) के इशारे पर सहारनपुर का बिलाल खान हमले की साजिश रच रहा था। प्रदेश में हिंसात्मक घटनाएं कराने के लिए वह कई पाकिस्तानियों के भी सीधे संपर्क में था। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बिलाल खान को नौ दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ शुरू की है। एटीएस ने सहारनपुर के ग्राम पापरी, तीतरों नकुड़ को 15 सितंबर को मेरठ से गिरफ्तार किया था।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आतंकी संगठन अलकायदा इन इंडियन सब-कांटीनेंट (एक्यूआईएस) के इशारे पर सहारनपुर का बिलाल खान हमले की साजिश रच रहा था। प्रदेश में हिंसात्मक घटनाएं कराने के लिए वह कई पाकिस्तानियों के भी सीधे संपर्क में था। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बिलाल खान को नौ दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ शुरू की है।
एटीएस ने सहारनपुर के ग्राम पापरी, तीतरों नकुड़ को 15 सितंबर को मेरठ से गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने उसकी गिरफ्तारी को गोपनीय रखा था और उसके नेटवर्क को खंगाला जा रहा था। एटीएस अधिकारियों के अनुसार आरोपित बिलाल के मोबाइल फोन की फारेंसिक जांच भी कराई थी। डाटा एनालिसिस में सामने आया कि बिलाल लगभग चार हजार पाकिस्तानी नंबरों से जुड़ा था।
वह एक्यूआइएस के पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के लगातार संपर्क में था और आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। आतंकी संगठन अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन व अयमान अल जवाहिरी ने मूलरूप से संभल के निवासी आसिम उमर संभली को एक्यूआइएस के भारतीय उपमहाद्वीप का पहला चीफ नियुक्त किया था। बिलाल एक्यूआइएस के चीफ आसिम उमर संभली से बहुत प्रभावित था और उसके हिंसात्मक जिहादी विचारों का इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रसार कर रहा था।
बिलाल आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिये पाकिस्तानियों से जुड़कर इंटरनेट मीडिया पर कई देश विरोधी ग्रुपों का संचालन भी कर रहा था। इन ग्रुपों के माध्यम से भारत की संवैधानिक सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा जा रहा था। बिलाल अपनी पोस्ट में संविधान द्वारा स्थापित संस्थाओं का विरोध करता था और देश में हिंसात्मक जिहाद के लिए अन्य युवकों को भी उकसाता था।
शरिया आधारित कानून का राज्य स्थापित करने के लिए विभिन्न आपत्तिजनक संदेश भी प्रसारित कर युवाओं को अपने साथ जोड़ने का काम कर रहा था। जांच में सामने आया कि बिलाल पहलगाम आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर में मारे गये आतंकियो को शहीद बताकर उनका महिमा मंडन करता था। भारतीय सेना व अन्य सुरक्षा बलों को अपशब्द कहते हुए उनके विरोध के वीडियो भी प्रसारित किए थे।
पाकिस्तानी सेना के समर्थन से कश्मीर को भारत से आजाद कराने वाले संदेश व वीडियो भी प्रसारित किए गए थे। बिलाल को एक्यूआइएस की बयत (निष्ठा की शपथ) पकिस्तानी हैंडलर ने दिलाई थी। बिलाल अपने इंटरनेट मीडिया ग्रुप में आसिम उमर को श्रद्धांजलि देते हुए संदेश देता था कि 'अगर आप जिहाद के रास्ते पर चलेंगे तो मोरक्को से लेकर फिलीपींस तक मुजाहिद्दीन आपके समर्थन में खड़े हो जाएंगे और जहां मुजाहिद्दीन का पसीना गिरेगा वहां लोग खून बहा देंगे।'
एटीएस बिलाल से जुड़े अन्य युवकों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है। उसकी इंटरनेट मीडिया की गतिविधियों के आधार पर कुछ संदिग्धों की तलाश भी की जा रही है।

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