Updated: Mon, 01 Sep 2025 03:31 AM (IST)
लखनऊ में बाइकबोट घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों की 394.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत की गई है। जांच में पता चला है कि जीआईपीएल और उसके प्रमोटर संजय भाटी ने बाइक टैक्सी सेवा की आड़ में निवेश योजनाएं शुरू कीं और निवेशकों से करोड़ों रुपये वसूले।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बाइकबोट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपितों की 394.42 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जिन संपत्तियों को कुर्क किया है, उनमें कामाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कामाख्या एजुकेशनल सोसाइटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और मीना आनंद की संपत्तियां शामिल हैं।
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बाइकबोट घोटाले को लेकर ईडी की अभी तक की जांच में यह बात उजागर हुई है कि जीआइपीएल और उसके प्रमोटर संजय भाटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बाइकबोट नाम से बाइक टैक्सी सेवा की आड़ में आकर्षक निवेश योजनाओं लाई गई। इस योजना का लालच देकर आम लोगों के करोड़ों रुपये निवेश कराए और इस राशि को शैक्षणिक संस्थानों व ट्रस्टों में स्थानांतरित किया था।
बाइक टैक्सी को लेकर कंपनी ने निवेशकों को मासिक किराया, ईएमआइ और बोनस देने का भी वादा किया था। साथ ही मल्टी-लेवल मार्केटिंग में अतिरिक्त निवेशक जोड़ने पर प्रोत्साहन राशि भी देने का भरोसा निवेशकों को दिया था। ईडी की जांच से पता चला है कि बाइकबोट घोटाले में जुटाई गई धनराशि को विभिन्न संबंधित कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
बाद में शैक्षणिक ट्रस्टों, सोसायटियों और व्यक्तियों के माध्यम से मेरठ में अचल संपत्तियां खरीदने में खर्च किया गया। साथ ही, बैंकों के पास पहले से गिरवी रखी गईं संपत्तियों को भी घोटाले की राशि से छुड़ाया गया था।
ईडी द्वारा इससे पहले वर्ष 2020 में 20 जुलाई को, वर्ष 2021 में चार अक्टूबर व वर्ष 2024 में 10 मई को कुर्की आदेशों के माध्यम से 220.78 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं।
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