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    Bihar Vidhasabha Election: यूपी के भाजपाई भी बिहार के मतदाताओं को साधेंगे

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 06:40 PM (IST)

    UP BJP Team For Bihar VidhanSabha Election प्रदेश के इन नेताओं की आक्रामक शैली तेजतर्रार भाषण और जनता से जुड़ाव बिहार की सियासत में नया समीकरण बना सकते हैं। भाजपा को भरोसा है कि इन धुरंधरों की गूंज से विपक्ष की रणनीति धरी रह जाएगी और बिहार में सत्ता की डगर उसके लिए और आसान हो जाएगी।

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    यूपी के दिग्गज भाजपाई अब बिहार की जनता को साधेंगे

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : भाजपा ने बिहार के विधान सभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश चुनाव सह प्रभारी बनाने के साथ ही प्रदेश के बड़े नेताओं की फौज भी चुनाव मैदान में उतार दी है।

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    यूपी के दिग्गज भाजपाई अब बिहार की जनता को साधेंगे। इनमें संगठन के साथ ही प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा, गन्ना विकास राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार और पार्टी के सांसद व विधायक भी शामिल हैं। सभी को एक या दो लोक सभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन लोक सभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विधान सभा क्षेत्रों को ये देखेंगे।

    मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को आरा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह को मिथिला व तिरहुत क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम को बक्सर, एमएलसी मोहित बेनीवाल को किशनगंज में लगाया गया है।

    गौतमबुद्धनगर के सांसद डा. महेश शर्मा, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर और सहारनपुर के पूर्व सांसद राघव लखनपाल व कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक को बिहार में प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है।

    मंत्री दयाशंकर सिंह को बिहार चुनाव के प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान के साथ लगाया गया है। इन दोनों को 48 विधान सभा सीटों के समन्वय का काम सौंपा गया है। संजय सिंह गंगवार व सतीश चंद्र शर्मा व पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी भी बिहार के रण में डटे रहेंगे।

    पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, सतीश चंद्र द्विवेदी, विनोद सोनकर, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा और विधायक शलभ मणि त्रिपाठी को भी चुनावी मोर्चे पर उतारा गया है। प्रदेश के इन नेताओं की आक्रामक शैली, तेजतर्रार भाषण और जनता से जुड़ाव बिहार की सियासत में नया समीकरण बना सकते हैं। भाजपा को भरोसा है कि इन धुरंधरों की गूंज से विपक्ष की रणनीति धरी रह जाएगी और बिहार में सत्ता की डगर उसके लिए और आसान हो जाएगी।