यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा को बड़ी राहत, 33 साल पहले मारपीट के मामले में कोर्ट ने किया बरी
यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा को बड़ी राहत मिली है। 33 साल पहले एक मारपीट के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। चार अगस्त 1989 को ट्रक ड्राइवर लल्लन ने थाना वजीरगंज में इस मामले की एफआइआर दर्ज कराई थी।

लखनऊ, विधि संवाददाता। 33 वर्ष पहले ट्रक ड्राइवर को मारने-पीटने व जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोपी मोहसिन रजा को एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बरी कर दिया है। एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने साक्ष्य के अभाव में रजा के साथ एक अन्य आरोपी अकबर उर्फ सज्जू को भी दोषमुक्त कर दिया है। मोहसिन रजा प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से वकील मनीष त्रिपाठी व वकील रत्नाकर नाथ द्विवेदी ने बहस की। पांच मार्च को सुनवाई पूरी कर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
यह है मामलाः चार अगस्त, 1989 को ट्रक ड्राइवर लल्लन ने थाना वजीरगंज में इस मामले की एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक वह ट्रक लेकर नबीउल्लाह रोड से बड़े छत्ते पुल की तरफ मुड़ा। इतने में उधर से अकबर उर्फ सज्जू व अरशद उर्फ मोहसिन रजा साइकिल चलाते हुए ट्रक के सामने आ गए। उसने ट्रक में तुरंत ब्रेक लगाया। इन दोनों ने ट्रक के सामने अपनी साइकिल खड़ी कर दी और गाली देने लगे। उसे रुकने को कहा। ट्रक चालक ने आगे बढ़ाकर गाड़ी साइड में लगा दी। इन्होंने नीचे उतरने को कहा। वह नीचे उतरा। इसके बाद अकबर व अरशद उसे लात-घुसों से मारने लगे। दोनों ने ट्रक ड्राइवर को दौड़ाकर पीटा। चार अगस्त, 1990 को पुलिस ने इस मामले में अकबर उर्फ सज्जू व अरशद उर्फ मोहसिन रजा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 27 जुलाई, 2018 को आरोप तय हुआ था।

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