यूपी में नई गन्ना किस्म के नाम पर हो रहा बड़ा फर्जीवाड़ा, माफिया किसानों को महंगे दर पर बेच रहे गन्ने का बीज
UP News अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि अन्य प्रदेशों की गन्ने की किस्में जो यूपी में स्वीकृत नहीं हैं और जिनका परीक्षण शोध संस्थानों में नहीं हुआ है उनका उत्पादन वर्जित है। ऐसी किस्मों के उत्पादन में बीमारियों के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में नई गन्ना किस्म के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। नई किस्मों के नाम पर किसानों को महंगे दर पर गन्ना बीज माफिया द्वारा बेचे जा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी इससे जुड़े भ्रामक विज्ञापन भी प्रकाशित हो रहे हैं।
पूरे मामले को चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने गंभीरता से लेते हुए ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ बीज अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है। इन विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के साथ-साथ उन पर एफआइआर भी दर्ज की जाएगी। वहीं, इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक विज्ञापन पोस्ट करने वाले बीज विक्रेताओं के खिलाफ साइबर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने स्पष्ट कि है कि अन्य प्रदेशों से लाई गईं वे किस्में जो यूपी में सक्षम समिति द्वारा स्वीकृत नहीं हैं और जिनका परीक्षण शोध संस्थानों में नहीं हुआ है उनका उत्पादन वर्जित है। ऐसी किस्मों के उत्पादन में कीट एवं बीमारियों के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। प्रदेश में स्वीकृत किस्मों में भी उन बीमारियों के संक्रमण की संभावना बन जाती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वर्ष अगस्त माह में गन्ने की दो नवीन किस्में प्रदेश के लिए स्वीकृत की गईं हैं। जिनमें को.शा. 17231 अगेती तथा यूपी. 14234 ऊसर भूमि के लिए स्वीकृत की गई है। लेकिन इसका बीज वितरण अभी शुरू नहीं हुआ है। लेकिन इन नई किस्मों के नाम पर तथाकथित बीज माफिया द्वारा उच्च दर पर अन्य किस्में देकर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है और मनमाना मूल्य वसूला जा रहा है। इसी प्रकार पाइपलाइन में लगी गन्ना किस्में को.लख.15201, को.लख. 16201 व अन्य किस्में जो प्रदेश के लिए अभी अंगीकृत नहीं हुई हैं, के नाम पर भी अन्य किस्मों का विक्रय किया जा रहा है जो गैरकानूनी हैं।
भूसरेड्डी ने कहा कि यदि कोई बीज गन्ना उत्पादक अधिक दर पर विक्रय करता है तो उसके विरुद्ध बीज अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। पंजीकरण निरस्त करने, आर्थिक दंड लगाने व एफआइआर दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है। उन्होंने गन्ना किसानों से भी कहा है कि वे ऐसे लोगों के संबंध में गन्ना विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर सूचना दे सकते हैं। उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
भूसरेड्डी ने कहा कि यह भी देखा जा रहा कि कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर भी अन्य प्रदेशों की वे किस्में जो यूपी में स्वीकृत नहीं है, के संबंध में लुभावने पोस्ट डाल कर गन्ना किसानों को आकर्षित कर, उच्च दरों पर उन किस्मों को बेच रहे है। ऐसे लोगों के संबंध में विभाग द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही है। ऐसे लोगों पर साइबर एक्ट व बीज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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