यूपी में एजुकेशन क्वालिटी को लेकर बड़ा एक्शन, 100 अंकों के इम्तिहान में फेल तो बाहर!
उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जिला समन्वयकों (प्रशिक्षण) का मूल्यांकन होगा। उन्हें 100 अंकों के मानकों पर परखा जाएगा जिसमें शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालयों का निरीक्षण और ऑनलाइन सूचनाएं शामिल हैं। वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर उनका भविष्य तय होगा। खराब प्रदर्शन करने वाले जिला समन्वयकों को हटाया जाएगा ताकि यूपी में एजुकेशन क्वालिटी बेहतर हो सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण-प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सभी जिलों के जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) को 100 अंकों के मानकों की कसौटी पर कसा जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए भेजी गई नई पाठ्य सामग्री के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने, विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने और आनलाइन सूचनाएं भेजने में कितनी तत्परता दिखाई, इन सब बिंदुओं पर इन्हें परखा जाएगा। वार्षिक मूल्यांकन के आधार इनका भविष्य तय होगा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जिला समन्वयकों के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करें। 20 विद्यालयों के मासिक निरीक्षण के 10 अंक, शिक्षक-प्रशिक्षण की गुणवत्ता के 25 अंक, गुणवत्ता सुधार के लिए जनपदीय टास्क फोर्स में कार्य के 25 अंक, ब्लाक संसाधन केंद्रों व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के बजट के उपयोग के 10 अंक, शैक्षणिक सामग्री के सही ढंग से उपयोग के 10 अंक, राष्ट्रीय अविष्कार अभियान की गतिविधियों के 10 अंक, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को जारी किए गए मानदेय के भुगतान को हफ्ते भर में सुनिश्चित करने के कार्य के 10 अंक निर्धारित किए गए हैं।
विद्यार्थियों को स्कूल में गुणवत्तापरक शिक्षा मिले और शिक्षकों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षण मिल सके इसके लिए यह कदम उठाया गया है। खराब प्रदर्शन वाले जिला समन्वयकों को हटाया जाएगा।
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