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    केजीएमयू की बड़ी उपलब्धि, कैंसर के गंभीर मरीजों काे हिपेक सर्जरी की सुविधा ; जानें कितने खर्च में मिलेगी राहत

    HIPEC (Hyperthermic Intraperitoneal Chemotherapy) रोगियों की दिक्कतों को देखते हुए सर्जिकल आंकोलाजी विभाग में हिपेक सर्जरी शुरू की गई। पिछले एक माह में अभी तक आठ मरीजों की हाईपैक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। एक रोगी को बड़ी आंत का कैंसर था जबकि बाकी सात महिलाएं ओवरी के कैंसर से पीड़ित थीं। सभी मरीजों की सफल हाईपैक सर्जरी की गई है।

    By Vikash Mishra Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Sat, 17 May 2025 09:43 PM (IST)
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    अब केजीएमयू में भी कैंसर के गंभीर मरीजों की होगी हाईपेक सर्जरी

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) प्रदेश का सबसे पुराना चिकित्सा संस्थान है, जहां जटिल रोगों के इलाज की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस कड़ी में विश्वविद्यालय के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। अब केजीएमयू में चौथे यानि आखिरी स्टेज के कैंसर के मरीजों की सर्जरी भी संभव हो रही है।

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    खास बात यह है कि जिस हिपेक सर्जरी के लिए दिल्ली-मुंबई के बड़े अस्पतालों में पांच से आठ लाख रुपये चुकाना पड़ता है, वही सर्जरी यहां सिर्फ 30 हजार रुपये में मुमकिन है। पिछले कुछ समय में पेट, बड़ी आंत, ओवरियन, पैरीटोनियम जैसे जटिल कैंसर की हाईपैक सर्जरी की गई है।

    केजीएमयू के प्रवक्ता डा. केके सिंह के मुताबिक, कैंसर मरीजों की दवा, सर्जरी और रेडिएशन विधि से इलाज किया जा रहा है। पेट के कई हिस्सों में फैलने के बाद कैंसर की सर्जरी संभव नहीं हो पाती है। ऐसे मरीजों को Hyperthermic Intraperitoneal Chemotherapy (HIPEC) हाईपैक सर्जरी के लिए मुंबई और दिल्ली जाना पड़ता है। साथ ही इसके लिए मोटा बजट खर्च होता है।

    रोगियों की दिक्कतों को देखते हुए सर्जिकल आंकोलाजी विभाग में हिपेक सर्जरी शुरू की गई। पिछले एक माह में अभी तक आठ मरीजों की हिपेक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। एक रोगी को बड़ी आंत का कैंसर था, जबकि बाकी सात महिलाएं ओवरी के कैंसर से पीड़ित थीं। सभी मरीजों की सफल हाईपैक सर्जरी की गई है।

    क्या है हिपेक सर्जरी

    विभाग के आंको सर्जन डा. नसीम अख्तर ने बताया कि हिपेक सर्जरी एक विशिष्ट प्रकार की कीमोथेरेपी प्रक्रिया है, जो पेट (पेरिटोनियल कैविटी) में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए सर्जरी के साथ की जाती है। इसमें कीमोथेरेपी दवाओं को गर्म करके सीधे पेट में डाला जाता है, ताकि वे कैंसर कोशिकाओं को अधिक प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकें।

    ऐसे कैंसर जो पेट की गुहा (पेरिटोनियम) की परत तक फैल गए हैं, उनका पारंपरिक कीमोथेरेपी के माध्यम से इलाज करना मुश्किल हो सकता है। खास बात यह है कि हाईपेक सर्जरी का परिणाम कैंसर की गंभीर अवस्था में भी काफी अच्छा है।

    वहीं, सर्जिकल आंकोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. विजय कुमार के मुताबिक, इस आधुनिक प्रक्रिया से कैंसर संक्रमित हिस्से को पूरी तरह हटाना संभव है। आंत, मलद्वार आदि के कैंसर में हाईपेक सर्जरी की सफलता दर काफी बेहतर है।