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    इस्लाम में गोमांस हराम, इससे अल्लाह भी खुश नहीं होता

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Sun, 09 Apr 2017 09:25 PM (IST)

    दरगाह खानकाहे बरकातिया के सज्जादानशीं सैयद नजीब हैदर नूरी ने मुस्लिम समाज से कहा है कि गो मांस इस्लाम में हराम है, इसे न खाएं। उन्होंने कहा कि अल्लाह ...और पढ़ें

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    इस्लाम में गोमांस हराम, इससे अल्लाह भी खुश नहीं होता

    एटा (जेएनएन)। दुनियाभर में जानी-मानी दरगाह खानकाहे बरकातिया के सज्जादानशीं सैयद नजीब हैदर नूरी ने मुस्लिम समाज से कहा है कि गो मांस इस्लाम में हराम है, इसे न खाएं। उन्होंने कहा कि अल्लाह भी मांस खाने से खुश नहीं होता। वह तो नमाज, रोजे और जकात चाहता है।

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    उर्से नूरी के दूसरे दिन तकरीर करते हुए सज्जादानशीं नूरी ने कहा कि आपका पड़ोसी जिसकी पूजा करता है, उसका मांस न खाएं। प्रदेश में अवैध बूचडख़ाने बंद करने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कर सही काम किया है। उन्होंने सभी जायरीनों से देश के संविधान पर यकीन, कानून में यकीदा रखने और इस्लाम के नियमों पर चलने को कहा। उन्होंने कहा कि आखिर हम इसी वतन की मिट्टी में पैदा हुए हैं, इसी में दफन होंगे।

    उर्स में दुनिया के कई देशों से मुस्लिम समाज के लोग शामिल हो रहे हैं। दरगाह में मोहम्मद साहब की नौवीं पीढ़ी के वंशज नूरी मियां की मजार यहीं स्थित है। बदायूं शरीफ के सज्जादानशीं सालिम मियां कादरी बरकाती, कानपुर के मुफ्ती हनीफ, मो. कामरान बरकाती सहित दूर-दराज से आए उलेमाए किरामों ने लोगों को इस्लामियत का पैगाम दिया।


    जायरीनों के लिए सिर्फ शाकाहारी खाना
    अवैध बूचडख़ानों को लेकर सूबे की नई सरकार के फरमान का असर उर्से नूरी में जायरीनों के लिए खाने पर भी साफ नजर आया। पिछले वर्षों में आमतौर पर उर्स के दौरान जायरीनों के लिए मांसाहारी व्यंजनों की व्यवस्था रहती थी। इस बार दरगाह प्रबंधन ने शाकाहारी भोजन का ही बंदोबस्त किया है। जायरीनों को दाल, सब्जी रोटी का जायका मिल रहा है।