सैलरी के पैसों से नहीं भरी जेब तो रैकेट चलाने लगा बैंक का ब्रांच मैनेजर, कर ली इतनी कमाई… खरीद डाली BMW कार
एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेजों से लोन पास कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर समेत चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं। आरोपियों ने फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर उन्नाव सीतापुर बाराबंकी जैसे जिलों में 30 से ज्यादा लोन पास करवाए। जालसाजों के पास से 268 लोन प्रक्रिया के दस्तावेज और बीएमडब्ल्यू कार बरामद हुई है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। एसटीएफ ने रविवार को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जो फर्जी दस्तावेजों की मदद से मुद्रा और ऑटो लोन पास कराने के नाम पर ठगी करता था। टीम ने शहीद पथ किनारे स्थित न्यू ओमेक्स हजरतगंज से गिरोह के सरगना बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया।
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपियों ने बैंक कर्मियों की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर लॉगिन किया और उनकी मदद से बीते चार महीनों में उन्नाव, सीतापुर, बाराबंकी समेत अन्य जिलों में 30 से ज्यादा लोन पास करवाए। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर लोन पास करवाए और ठगी की। आरोपियों के खिलाफ साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एएसपी ने बताया कि गिरोह का सरगना बैंक ऑफ इंडिया का मैनेजर गौरव सिंह है, जो मूल रूप से कानपुर नगर के विधनू स्थित खेरसा का निवासी है और वर्तमान में विकासनगर में रहता है।
उसके साथी ठाकुरगंज के हुसैनबाद निवासी नावेद हसन, राजाजीपुरम निवासी अखिलेश तिवारी और उन्नाव के हसनगंज स्थित नंदौली के निवासी इंद्रजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
जालसाजों के पास से 268 लोन प्रक्रिया के दस्तावेज, पांच मोबाइल और अन्य सामान बरामद हुए हैं। इसके अलावा, बीएमडब्ल्यू एक्स समेत चार कार भी बरामद हुई हैं।
एएसपी ने बताया कि चारों आरोपियों को वजीरहसन रोड स्थित इनकम टैक्स कॉलोनी निवासी राज बहादुर गुरुंग की मदद से पकड़ा गया है। गिरोह वर्ष 2021 से तेजी से लोन पास करवा रहा था।
बैंक मैनेजर गौरव सिंह ने बताया कि वह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा जानकीपुरम में ब्रांच हेड बनकर आया था, जहां उसकी मुलाकात नावेद और अन्य लोगों से हुई थी।
नावेद पहले से ही फर्जी दस्तावेजों की मदद से कई लोन पास करा चुका था और उसने गौरव को अपने साथ शामिल होने के लिए कहा। गिरोह ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से लोगों के नाम पर लोन स्वीकृत कर धन हड़पने का एक संगठित गिरोह बना लिया था।
इंद्रजीत लोन लेने वाले लोगों को तलाश कर उनके दस्तावेजों में अपनी फोटो का इस्तेमाल कर लोन अप्लाई कर देता था। अखिलेश फर्जी फर्म पंजीकृत कराकर उन पर लोन पास करवाता था।
एएसपी के मुताबिक, गिरोह ने अब तक फर्जी लोन की मदद से 50 करोड़ से ज्यादा की रकम अर्जित की है। गिरोह के अन्य जालसाजों के बारे में पता करने के लिए टीम लगी हुई है। नावेद, अखिलेश समेत अन्य पर गोमती नगर, गुडंबा और अन्य थानों में मुकदमे दर्ज हैं। नावेद और अखिलेश वर्ष 2021 में जेल भी जा चुके हैं।
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