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    महिला के पेट से निकला 20 किलो का ट्यूमर, आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त में हुआ ऑपरेशन

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 10:44 AM (IST)

    बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक महिला के पेट से 20 किलो का ट्यूमर निकालकर उसकी जान बचाई। ट्यूमर खाने की नली और आंत पर दबाव डाल रहा था। ढाई घंटे तक चली सर्जरी सफल रही और मरीज अब स्वस्थ है। अस्पताल प्रशासन ने टीम को बधाई दी। यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में किया गया जिससे मरीज को बड़ी राहत मिली।

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    20 किग्रा ट्यूमर से दब गई थी खाने की नली, जटिल सर्जरी कर निकाला

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल के डाक्टरों ने एक मरीज को जीवनदान दिया है। महिला के पेट में 20 किलोग्राम का भारी-भरकम ट्यूमर था, जिसकी वजह से खाने की नली और आंत पर दबाव बन रहा था। करीब ढाई घंटे तक चली जटिल सर्जरी के बाद महिला अब स्वस्थ है।

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    अगले तीन-चार दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। डॉक्टरों का दावा है कि बलरामपुर अस्पताल में पहली बार इतना बड़ा ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया है। निदेशक डाॅ. कविता आर्या, सीएमएस डाा. हिमांशु चतुर्वेदी एवं एमएस डॉ. देवाशीष शुक्ल ने सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी है।

    अस्पताल के जनरल सर्जन डॉ. एसके सक्सेना के मुताबिक, अयोध्या निवासी रामधीरज की पत्नी शैलेश कुमारी (45) को कई दिनों से पेट में सूजन, दर्द, भूख न लगना और उल्टी की शिकायत थी। पिछले एक सप्ताह से पेट फूल गया था और कुछ ठीक से खा नहीं पा रही थीं।

    स्थानीय स्तर पर दिखाने के बाद कोई राहत नहीं मिली तो परिवारजन 10 सितंबर को बलरामपुर अस्पताल की जनरल सर्जरी की ओपीडी में पहुंचे। मरीज को देखने के बाद जांच कराई तो रिपोर्ट में बड़े आकार का ट्यूमर की पुष्टि हुई।

    डॉ. एसके सक्सेना ने बताया कि महिला का हीमोग्लोबिन (खून की कमी) का स्तर भी काफी कम हो गया था। लिहाजा, पहले खून चढ़ाया गया। ढाई घंटे तक चली सर्जरी में कई ट्यूमर को कई टुकड़े कर निकाला गया।

    ट्यूमर की वजह से महिला के खाने की नली, छोटी व बड़ी आंत, शौच का रास्ता, पेशाब की थैली पर दबाव बन रहा था। सर्जरी के दौरान किसी भी अंग को कोई दिक्कत नहीं हुई। ट्यूमर में ठोस और द्रव्य दोनों पाए गए।

    यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरी तरह मुफ्त किया गया। यही सर्जरी निजी अस्पताल में होती तो कम से कम एक लाख रुपये का खर्च आता। सर्जरी में जूनियर डाक्टर श्रीनाथ, नर्सिंग आफिसर उर्मिला, अंजना ने भी मदद की।