Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बागपत की ACMO रही दीपा सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप, DM ने शासन को भेज दिया ये लेटर

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    लखनऊ बागपत की एसीएमओ डॉ. दीपा सिंह पर अल्ट्रासाउंड सेंटरों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की सिफारिश की है। सीएमओ ने लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। जांच में कई अल्ट्रासाउंड केंद्र बंद पाए गए और पोर्टेबल मशीनें मिलीं।

    Hero Image
    बागपत की एसीएमओ रही डा़ दीपा सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बागपत की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) रही डा़ दीपा सिंह के खिलाफ अल्ट्रासाउंड सेंटरों में अनियमितता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की शिकायत शासन से की गई है। बागपत की जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने शासन को भेजे पत्र में जानकारी दी है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा़ तीरथ लाल ने शिकायत की थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने एसीएमओ को निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संस्तुति की है। सीएमओ ने उन पर अल्ट्रासाउंड सेंटरों में अनियमितता कराते हुए लिंग परीक्षण, कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि डा़ दीपा सिंह को सोमवार को ही अमरोहा का सीएमओ बनाया गया था।

    जिलाधिकारी बागपत ने पत्र में लिखा है कि सीएमओ डा़ तीरथ लाल से शिकायती पत्र मिलने के बाद इस मामले में उप जिलाधिकारी बड़ौत और स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी से संयुक्त जांच कराई तो अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालन में गड़बड़ियां मिलीं।

    जांच में चार अल्ट्रासाउंड केंद्र बंद पाए गए। चार केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड करने के लिए अधिकृत चिकित्सक नहीं मिले। दो केंद्रों राज नर्सिंग होम और जीवन दीप नर्सिंग होम में पोर्टेबल मशीन पाई गई। जबकि उन्होंने पंजीकरण/नवीनीकरण स्थिर अल्ट्रासाउंड मशीन का कराया था। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड सेंटर के निरीक्षण में कई अन्य गड़बड़ियां पाई गई।

    जिलाधिकारी ने डा़ दीपा सिंह के खिलाफ समयबद्ध जांच कराते हुए कड़ी कार्रवाई और किसी अन्य जिले से संबद्ध करने की संस्तुति की है। इस मामले में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा का कहना है कि उन्हें देर रात बागपत जिलाधिकारी का पत्र मिला है। शिकायती पत्र 90 पन्ने का है। इसे पूरी तरह से पढ़ने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।