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    Kashi Vishwanath Dham: लोकार्पण के बाद करोड़ों में पहुंची बाबा की आय, श्रद्धालुओं की संख्या में भी रिकार्ड बढ़ोतरी

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 23 Jun 2022 05:01 PM (IST)

    Kashi Vishwanath Dham मान्यता है की सनातन परम्परा में दान से विशेष पुण्य मिलता है। धर्म की नगरी काशी में आने के बाद शिव भक्त खुल कर चढ़ावा और दान कर रहे है। श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से बाबा के चढ़ावे में भी रिकार्ड वृद्धि हुई है।

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    Kashi Vishwanath Dham: श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से बाबा के चढ़ावे में रिकार्ड वृद्धि हुई है।

    वाराणसी, जेएनएन। श्री काशी विश्वनाथ धाम के नए अवतार में आने के बाद देश और दुनिया के शिव भक्तों की संख्या काशी में लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसके फलस्वरूप श्रद्धालुओं काशी विश्वनाथ धाम की आय में भी रिकार्ड वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021 के अप्रैल और मई माह में बाबा की आय लाखो में थी, वहीं अब आनंद वन के विस्तारित और सुंदरीकरण के बाद बाबा की आय करोड़ों में पहुंच चुकी है।

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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य स्वरूप में आने के बाद काशी में पर्यटकों की आमद में रिकार्ड वृद्धि हुई है। श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे आस-पास के व्यापारी भी लाभान्वित हो रहे है। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से बाबा की तिजोरी में भी धनवर्षा हो रही है। रोजाना लाखों रुपये की आय हो रही है।

    ऐसी मान्यता है की सनातन परम्परा में दान से विशेष पुण्य मिलता है। धर्म की नगरी काशी में आने के बाद शिव भक्त खुल कर चढ़ावा और दान कर रहे है। श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी है।

    उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से बाबा के चढ़ावे में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 में 71 लाख चढ़ावा आया था जबकि 2022 के अप्रैल महीने में पांच करोड़ 45 लाख दान आया है। मई 2021 में 21 लाख की आमदानी हुई थी, जबकि मई 2022 में तीन करोड़ 24 लाख का चढ़ावा आया है।

    खर्चों की बात करे तो 2021 के अप्रैल और मई महीने में क्रमशः 38 लाख और 76 लाख हुआ था। जबकि 2022 के अप्रैल और मई माह में क्रमश 31 लाख और एक करोड़ 25 लाख हुई है। इसमें वेतन, सामन्य खर्च, आकस्मिक आदि खर्च भी शामिल है।