दुर्वासा आश्रम के पर्यटन विकास पर खर्च होंगे एक करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश सरकार ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने आजमगढ़ के दुर्वासा ऋषि आश्रम के पर्यटन विकास के लिए एक करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस राशि से आश्रम में सौंदर्यीकरण और बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। आजमगढ़ को ऋषि-मुनियों की धरती कहा जाता है जहाँ दुर्वासा ऋषि दत्तात्रेय और चंद्रमा ऋषि के धाम हैं। 2024 में 15 लाख से अधिक पर्यटक यहाँ आए थे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आजमगढ़ में स्थित दुर्वासा ऋषि आश्रम के पर्यटन विकास पर एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि आजमगढ़ को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए सरकार ने दुर्वासा आश्रम के पर्यटन विकास को स्वीकृति दी है।
इस राशि से आश्रम का सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, शौचालय, सूचना केंद्र और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। आजमगढ़ में दुर्वासा ऋषि, दत्तात्रेय और चंद्रमा ऋषि के धाम हैं। यही कारण है कि आजमगढ़ को ऋषि-मुनियों की धरती भी कहा जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग व द्वापर युग में महर्षि दुर्वासा का स्थान श्रेष्ठ माना गया है। वर्ष 2024 में 15,82,855 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ था। वहीं, वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में 3,25,841 से अधिक पर्यटकों ने आजमगढ़ का भ्रमण किया है।
29 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग तेज
परिषदीय विद्यालयों में 29,334 गणित और विज्ञान शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा के शिविर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने महानिदेशक को संबोधित ज्ञापन में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 29 जनवरी 2025 को आदेश जारी किया था।
इसके क्रम में राज्य सरकार ने 19 जुलाई को शासनादेश निकाला और 27 अगस्त व 26 सितंबर को रिमाइंडर भी जारी किए। इसके बावजूद अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि बेसिक शिक्षा विभाग प्रयागराज ने काउंसलिंग कार्यक्रम को लेकर 14 सितंबर को अखबारों में सूचना प्रकाशित की थी, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
अभ्यर्थियों ने मांग की है कि 29334 गणित- विज्ञान भर्ती के सभी रिक्त पदों को 31 दिसंबर 2019 तक के योग्य अभ्यर्थियों से भरा जाए। काउंसलिंग कार्यक्रम तत्काल पूरा कराया जाए ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना न हो। अभ्यर्थियों ने कहा कि वे लंबे समय से नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, इसलिए सरकार शीघ्र निर्णय लेकर आदेश जारी करे।
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