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    समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने बसपा मुखिया मायावती को बताया बड़े जनसमूह की नायक, सियासी अटकलें तेज

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 10 Oct 2025 03:59 PM (IST)

    बरेली जेल से बाहर आने के बाद आजम खां लगातार चर्चा में हैं। उन्होंने बसपा में जाने की अटकलों को नकारा है, लेकिन मायावती की खुलकर सराहना की है। आजम खां ने मायावती को बड़े जनसमूह की नेता बताया और कहा कि जरूरत पड़ने पर वह उनसे मिल सकते हैं। उन्होंने कांशीराम के साथ अपने पुराने रिश्तों का भी जिक्र किया।

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    समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां और मायावती

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: बरेली जेल में 23 महीने रहने के बाद बाहर आए समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक आजम खां लगातार चर्चा में हैं। वह बसपा में जाने की अटकलों को भी सिरे से नकार चुके हैं, लेकिन अब उनके सुर बसपा प्रमुख मायावी पर भी मुलायम नजर आ रहे हैं।
    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को आजम खां से मिलने रामपुर गए थे और गुरुवार को बसपा मुखिया मायावती ने लखनऊ की रैली में आजम खां के परिवार के लोगों से मुलाकात को खारिज कर दिया। आजम खां ने शुक्रवार को मायावती की जमकर सराहना की और बसपा के संस्थापक कांशीराम के साथ अपने रिश्तों को बताया। आजम खां के इन कदमों के सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं।
    बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में गुरुवार की रैली में आजम खां का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों में बहुत सारी बातें कहीं। मायावती ने कहा कि अगर उन्हें किसी से मिलना होता तो वो खुले आम मिलती हैं। उन्होंने बसपा के नेता और कार्यकर्ताओं को आगाह भी किया कि अफवाहों से बचकर रहें। आजम खां ने इस पर भी धन्यवाद ज्ञापित किया। आजम ने कहा कि मैं शुक्रिया अदा करूंगा उनका उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे मेरे दिल को ठेस पहुंचती है, बहुत शुक्रिया।
    मायावती के स्पष्ट कर देने के बाद आजम खां ने कहा कि वो मायावती की बहुत इज्जत और एहतराम करते हैं। आजम खां ने एक न्यूज एजेंसी से मायावती को लेकर ऐसी बातें कहीं जिसे लेकर अब नई चर्चाएं शुरू हैं। आजम खां ने कहा कि मेरी नजर में मायावती की बड़ी अहमियत है। मायावती बड़े जनसमूह की नायक हैं। आजम खां ने कहा कि मायावती का ना सिर्फ मैं बल्कि पूरा देश बहुत सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री रहीं या नहीं रहीं इससे कोई लेना देना नहीं है, लेकिन वो एक बड़े जनसमूह के नायक हैं। हम उनकी इज्जत भी करते हैं, एहतराम भी करते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम उनसे मिल भी सकते हैं। इसमें भी यह जरूरी नहीं कि उनसे मिलने का कारण राजनीतिक हो। हमारी कुछ इंसानी जरूरतें भी हो सकती हैं। हमारी अखलाकी जरूरतें भी हो सकती हैं, समाजी भी हो सकती हैं। उसके लिए तो हम मिल ही सकते हैं। कभी भी जरूरत होगी तो मिल सकते हैं। आप कई बार व्यक्तिगत तौर पर भी लोगों से मिलते हैं।
    आजम खां ने कहा कि बसपा की अध्यक्ष मायावती रामपुर में मेरी मेहमान बनकर आई थीं। मेरा मायावती के साथ एहतराम का रिश्ता। मेरी नजर में मायावती की काफी अहमियत है। वो तो बड़ी सियासतदान हैं और मैं छोटा कार्यकर्ता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा कांशीराम जी से अच्छा रिश्ता रहा है। आजम खां ने कहा कि अगर उन्हें मीडिया के माध्यम से कोई ऐसी खबर मिली है जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो तो उसके लिए मुझे अफसोस है। उनकी अहमियत में मेरी नजरों में, दिल में कभी कोई कमी नहीं आई है। आजम खां ने कहा कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो हम कोशिश करेंगे कि उनकी शिकायतों का समाधान हो। इस तरह आजम खां बसपा प्रमुख मायावती के साथ अपने रिश्ते की केमिस्ट्री को मजबूत बनाते नजर आए।
    आजम खां से मिलने आते थे कांशीराम
    आजम खां ने आगे कहा कि मायावती रामपुर में उनकी मेहमान रह चुकी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनका संबंध कांशीराम से भी रहा है। कांशीराम उनसे फजर की नमाज के समय मिलने आया करते थे। इस दौरान दोनों के बीच घंटो बात होती थी। मायावती को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा उनके बड़ों से भी रिश्ता रहा है। ऐसा नहीं हो सकता की कोई ऐसी बात कहूं या करूं जो दुख का कारण बने शिकायत का सबब बने।

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