आजम खां ने हाईकोर्ट में हाजिर होकर मांगी माफी
सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगा कर लौटे जल निगम के चेयरमैन आजम खां आखिरकार हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष हाजिर हुए और माफी भी मांगी। ...और पढ़ें

लखनऊ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगा कर लौटे राज्य सरकार के मंत्री व जल निगम के चेयरमैन आजम खां आखिरकार बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष हाजिर हुए और माफी भी मांगी। सरकार में अपनी नंबर दो की हैसियत बताते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी व्यस्तता का हवाला दिया और दावा भी किया कि यदि उन्हें पूरे मामले की ठीक से जानकारी होती तो बात यहां तक पहुंचने ही न पाती। न्यायालय ने इस पर दो हफ्ते का समय देते हुए 21 मार्च को हलफनामा दायर कर कार्यवाही की जानकारी देने का आदेश दिया है।
बुधवार दोपहर करीब दो बजे आजम खां अदालत के सामने हाजिर हुए और पूरे लिहाज व अदब के साथ अपने मामले में खुद बहस की। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति रवींद्र नाथ मिश्रा की पीठ ने इस दौरान आजम खां से पूछा कि इस मामले में एक ही दस्तावेज को ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में दो तरह से कैसे पेश कर दिया गया। अदालत ने आजम को फटकार लगाते हुए कहा कि केस आपका है और आपको जानकारी होनी चाहिये कि विभाग के अधिकारी कागजों में क्या कर रहे हैं। सुनवाई के लिए महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह तथा अपर महाधिवक्ता व जल निगम के वकील आइपी सिंह के साथ अदालत पहुंचे आजम ने कहा कि वह बहुत सख्त निर्णय लेते हैं और इस मामले में भी वह बहुत जल्द निर्णय लेंगे।
आजम ने अपने चिर-परिचित अंदाज में अदालत का माहौल हलका करते हुए यह भी कहा कि वह भले इंसान हैं पर फिर भी लोग उन्हें पाकिस्तान भेजना चाहते हैं। अदालत ने इस मामले में आजम खां के खिलाफ वारंट जारी करने संबंधी पिछली तारीख का आदेश समाप्त करते हुए 21 मार्च को हलफनामा दायर कर बताने को कहा है कि मामले में क्या निर्णय लिया गया है। मामले की अगली सुनवाई भी अब 21 मार्च को होगी।
यह था मामला
जल निगम के अधिशाषी अभियंता धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई थी। इस कार्यवाही को राज्य सेवा अधिकरण में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। अधिकरण में कहा गया कि याची के खिलाफ की गई विभागीय कार्यवाही नियमानुसार नहीं है। अधिकरण द्वारा अधिशाषी अभियंता के पक्ष में फैसला होने के बाद जल निगम ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने आजम खां के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिसकी तामील न होने पर लखनऊ के सीजेएम व एसएसपी को हाजिर होने का आदेश दिया गया था।

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