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    विकसित यूपी के लिए आयुष को वेलनेस पर्यटन से जोड़ा जाए, दो जिलों में आयुष घाटियां बनाने पर बल

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 09:18 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के लिए आयुष को वेलनेस पर्यटन से जोड़ने पर सरकार का ध्यान केंद्रित है। दो जिलों में आयुष घाटियां बनाने की योजना है, जिससे ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विकसित यूपी-2047 पर आयुष विभाग की बैठक में कहा गया कि आयुष चिकित्सा को प्रदेश में वेलनेस पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती और आयुष क्षेत्र के योग्य चिकित्सा पेशेवरों की संख्या और बढ़ाने की बात कही गई।

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    गुरुवार को योजना भवन में विकसित यूपी-2047 के लिए तैयार किए जाने वाले रोडमैप पर परामर्श बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार ने

    कहा कि आयुष में समग्र स्वास्थ्य सेवा के विकास तथा नए आयुष चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति देकर इस चिकित्सा सेवा का विस्तार किया जा सकता है। आयुष को चिकित्सा और वेलनेस पर्यटन के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

    प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने कहा कि वेलनेस पर्यटन को अयोध्या, वाराणसी, मथुरा जैसे स्थलों के आध्यात्मिक पर्यटन के साथ जोड़ते हुए बढ़ावा दिया जाना चाहिए। औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती और आयुष क्षेत्र के योग्य चिकित्सा पेशेवरों की संख्या बढ़ाने पर भी काम किए जाने का सुझाव दिया।

    प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात ने कहा कि विदेशी पर्यटक जो उपचार और स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं, वे हमारे लक्ष्य होने चाहिए। वैश्विक स्तर पर वेलनेस पर्यटन तेजी से आगे बढ़ रहा है।

    मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ. जीएन सिंह ने कहा कि वैश्विक जनसंख्या का रुझान प्रकृति की ओर बढ़ रहा है। पीलीभीत और गोरखपुर जैसे क्षेत्रों में आयुष घाटियां विकसित किए जाने का सुझाव दिया। स्टेट ट्रांसफार्मेशन कमीशन के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि आयुष को मानव विकास सूचकांक में अपने सकारात्मक योगदान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

    मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए ठोस कार्यवाही करनी चाहिए। आने वाली पीढ़ी ही वह कार्यबल है जो वर्ष 2047 तक हमारे लक्ष्यों को साकार करेगी।

    भारत सरकार आयुष समिति के अध्यक्ष प्रो. बेजन मिश्रा ने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में एक हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रदेश में आयुष क्षेत्र के सभी चिकित्सकों का एक रजिस्टर तैयार किया जाना चाहिए।
    महानिदेशक आयुष चैत्रा वी. ने भी विचार व्यक्त किए।