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नए कलेवर में द‍िखेगा लखनऊ का कुडिय़ाघाट, लगेगी अटल-टंडन की बातचीत करते मूर्ति

नगर विकास मंत्री ने कुडिय़ाघाट से जुड़े इतिहास की जानकारी दी तो महापौर ने कहा कि कुडिय़ाघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मंत्री व मध्य प्रदेश और बिहार के पूर्व राज्यपाल स्व. लालजी टंडन की आपस में बातचीत करते हुए प्रतिमा लगाई जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 07:07 PM (IST)
नए कलेवर में द‍िखेगा लखनऊ का कुडिय़ाघाट, लगेगी अटल-टंडन की बातचीत करते मूर्ति
अब गोमती नदी में नहीं होगा मूर्त‍ि विसर्जन, घाट पर ही किए गए इंतजाम।

लखनऊ, जेएनएन। अब आप कुडिय़ाघाट को नए कलेवर में देखेंगे। जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुके घाट की मरम्मत के साथ ही कई नए कार्य कराए गए हैं। यहां मंदिरों का भी जीर्णोद्धार कराया गया है। इन मंदिरों का निर्माण वर्ष 1860 से 1920 के बीच हुआ था। शुक्रवार को नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन 'गोपाल' ने नए कलेवर में आए कुडिय़ाघाट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी समेत अन्य लोग भी मौजूद थे। 

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नगर विकास मंत्री ने कुडिय़ाघाट से जुड़े इतिहास की जानकारी दी तो महापौर ने कहा कि कुडिय़ाघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मंत्री व मध्य प्रदेश और बिहार के पूर्व राज्यपाल स्व. लालजी टंडन की आपस में बातचीत करते हुए प्रतिमा लगाई जाएगी। लखनऊ से खास नाता रखने वाले अटल बिहारी और लालजी टंडन की काफी पटती थी और अटल भी कुडिय़ाघाट गए थे। खास यह है कि इस कुडिय़ाघाट की नींव भी वर्ष 2003 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री लालजी टंडन (अब दिवंगत) ने रखी थी, जो मौजूदा नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के पिता थे। 

शासन ने 12 जुलाई 2019 को कुडिय़ाघाट को संवारने के लिए 554.15 लाख का बजट मंजूर किया था। नगर निगम के नगर अभियंता एसएफए जैदी ने बताया कि कुडिय़ाघाट पर हरियाली का विशेष इंतजाम किया गया है। घाट पर जहां टूट-फूट हो गई थी, उसकी मरम्मत कराते हुए रंगरोगन कराया गया है।

ये काम कराए गए

  • पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए गोमती नदी में अब मूर्तियां विसर्जित नहीं होगी। अब कुडिय़ाघाट पर नए विसर्जन स्थल और सड़क का निर्माण कराया गया है।
  • नए विसर्जन स्थल पर बैठने के लिए सीढिय़ां भी बनाई गई है।
  • 12 सीट का नया शौचालय बनाया गया है।
  • पीने के पानी का इंतजाम करने के साथ ही फाउंटेन भी लगाया गया है।
  • दो और चार पहिया वाहन के लिए पार्किंग स्थल भी बनाया गया है।
  • कुडिय़ाघाट पर तीन जगहों पर लैंड स्कैपिंग कराते हुए पार्क का निर्माण और पूरे क्षेत्र को हरित क्षेत्र बनाया गया है।
  • अवैध तरह से वाहन न खड़े हो, इसके लिए कुडिय़ाघाट पर चारों तरफ घेराबंदी की गई है।
  • नगर निगम की नर्सरी को उच्चीकृत किया गया है।
  • घाट पर बैठने के लिए जगह-जगह बेंच लगाई गई है। 

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