असली जैसा काम करेगा कृत्रिम हाथ, जानिए क्या होगी खासियत Lucknow News
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय 22 सितंबर को लगाए जाएंगे निश्शुल्क कृत्रिम हाथ।
लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। अगर किसी का हाथ कोहनी के नीचे कम से कम चार इंच का ही बचा है तो भी निराश होने की जरूरत नहीं है। इतना हिस्सा भी सामान्य हाथ की तरह दिखेगा और आठ से दस किलो का वजन भी आसानी से उठा लेगा। व्यक्ति बाइक चला सकेंगे और घरेलू काम भी बखूबी कर लेंगे। यह संभव होगा कृत्रिम हाथ लगाकर, जो मुफ्त में लगवाया जा सकेगा। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की तरफ से दिव्यांगजनों को यह लाभ दिया जाएगा।
यह कृत्रिम हाथ यूनाइडेट स्टेट्स की एन-4 नाम की फर्म ने बनाया है, जो विशेष तकनीकी गुणवत्ता वाला है। एक अधिकारी के मुताबिक, इस हाथ के लगने के बाद दिव्यांगजन दैनिक कार्य करने में समर्थ हो जाएंगे। हां, यह हाथ उन्हें ही लगाया जा सकता है, जिनकी कोहनी के नीचे कम से कम चार इंच का हाथ शेष हो।
22 को लगेगा शिविर
22 सितंबर को दिव्यांगजन विभाग की तरफ से डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के लिंब सेंटर में शिविर लगाया जाएगा। डीएम डॉ. कौशलराज शर्मा ने अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को लाभ दिलाने के लिए नगर निगम के सभी पार्षदों और ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है। ऐसे दिव्यांगजनों की सूची पंचायत भवन में जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय में 15 सितंबर तक जमा करानी होगी। यह पत्र नगर निगम के अलावा सभी एसडीएम, जिला पंचायत राज अधिकारी समेत अन्य विभागों को भी भेजा गया है। लखनऊ से अब तक 50 लोगों ने हाथ लगाने का आवेदन किया है। शेष जिलों से भी आवेदन आ रहे हैं। खास बात यह है कि इसे लगाने के लिए कोई ऑपरेशन नहीं होगा।
गाड़ी भी चला सकेंगे और खाना भी बना लेंगे
जिला दिव्यांगजन सशक्तीशरण अधिकारी डॉ. कमलेश वर्मा का कहना है कि अब तक ऐसे हाथ और अन्य उपकरण बनते थे, जिसमें किसी चीज को पकडऩे की ग्रिप नहीं होती थी। जबकि यूएस में निर्मित इस हाथ में ग्रिप होगी और उंगलियां भी सामान्य हाथ की तरह ही काम करेंगी। इसकी मदद से आप बाइक चला सकेंगे। चाकू से कुछ भी काट सकेंगे और रोटी भी बना सकेंगे।
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