UP Crime : निलंबित सहायक निदेशक डा.राजेश का करीबी है एसटीएफ की गिरफ्त में आया नील विजय
Music Instrument Scam विशेष सचिव रविंदर कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति का गठन कर खरीदे गए वाद्य यंत्रों की जांच प्रयागराज व मेरठ सहित ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : संस्कृति विभाग में कालाकारों को मिलने वाली रकम हड़पने के लिए बड़ा सिंडीकेट काम कर रहा था। एसटीएफ ने भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में कालाकारों काे मिलने वाली रकम में हेराफेरी करने के मामले में जिस इवेंट मैनेजर नील विजय सिंह को गिरफ्तार किया है, वह संस्कृति विभाग के कई अधिकारियों का करीबी रहा है।
खासकर उसका संपर्क वाद्य यंत्र घोटाले में निलंबित सहायक निदेशक डा.राजेश अहिरवार से था। डा.राजेश ही भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव के नोडल अधिकारी भी थे। पूरे मामले में संस्कृति विभाग के कई अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है। एक महिला अधिकारी की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही है। ऐसे अन्य आयोजनों में भी कालाकारों को मिलने वाली रकम में घपले की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। कलाकारों को कम भुगतान किए जाने की मामले की विभागीय जांच भी शुरू हुई थी।
संस्कृति विभाग में वाद्य यंत्रों की खरीद के लिए सहायक निदेशक डा. राजेश अहिरवार की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था। वाद्य यंत्रों की खरीद में धांधली सामने आने के बाद मामले को गंभीरता से लिया गया था। विशेष सचिव रविंदर कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति का गठन कर खरीदे गए वाद्य यंत्रों की जांच प्रयागराज व मेरठ सहित कई जिलों से कराई गई थी।
जांच में लोक कलाकारों को वितरित करने के लिए खरीदे गए वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता भी सही नहीं पाई गई थी। घोटाला सामने आने पर संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कार्रवाई का निर्देश दिया था। मामले में बीते माह सहायक निदेशक डा. राजेश अहिरवार व वैयक्तिक सहायक कुलदीप सिंह को निलंबित कर दिया गया था। वहीं विभिन्न आयोजनों में स्थानीय कलाकारों को बुलाए जाने के बाद उनके भुगतान में हेराफेरी किए जाने के आरोप भी पहले से लगते रहे हैं।

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