Ansal Township: प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए अंसल में चाहिए बिल्डरों को बिजली कनेक्शन
लखनऊ के अंसल टाउनशिप में बिजली कनेक्शन का मुद्दा गरमाया हुआ है। बिल्डरों को अपार्टमेंट बनाने के लिए बिजली की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में बिजली उपकेंद्र ओवरलोडेड हैं। कई बिल्डर शासन और एलडीए के साथ बैठकें कर चुके हैं, पर कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

अंशू दीक्षित, लखनऊ। शहीद पथ स्थित अंसल टाउनशिप एक बार फिर चर्चा में है। हाईटेक टाउनशिप में इस बार बिजली कनेक्शन का मुद्दा छाया हुआ है। यहां बन रहे अपार्टमेंट में बिजली कनेक्शन कहां से दिया जाएगा?
वर्तमान में कुछ किलोवाट का अस्थायी कनेक्शन से निर्माण कार्य चल रहा है। जब आवंटी यहां रहेंगे और एक बिल्डर को पांच से आठ सौ किलोवाट का लोड चाहिए होगा तो किस उपकेंद्र से कनेक्शन दिया जाएगा, क्योंकि अंसल में बने दो बिजली उपकेंद्र तो पहले से ही ओवर लोडेड हैं।
आठ बिल्डरों के प्रोजेक्ट अंसल में बन रहे हैं। यह बिल्डर शासन व एलडीए में कई बैठकें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कर चुके हैं, लेकिन ठोस नतीजा नहीं निकला है। ऐसे में किसी बिल्डर का प्रोजेक्ट वर्ष 2027 में पूरा हो रहा है तो किसी का वर्ष 2028 में।
अगर तब तक नए बिजली उपकेंद्र व लाइनों का निर्माण नहीं हुआ तो लंबा नुकसान बिल्डरों को हो सकता है, क्योंकि अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, सुशांत गोल्फ सिटी, हाईटेक टाउनशिप को अपने परिसर में जो बिजली उपकेंद्र व इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना था, उसमें 80 प्रतिशत काम ही नहीं किया। वर्तमान में दो बिजली उपकेंद्र से पूरे अंसल की बिजली चल रही है। ये दोनों बिजली उपकेंद्र वर्तमान में ओवरलोडेड हैं।
अंसल में बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए विभाग ने 2212 करोड़ रुपये का दावा राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सामने किया है। इन पैसों से 24 बिजली उपकेंद्र बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 400 केवीए विद्युत उपकेंद्र के लिए भूमि उपलब्ध करानी थी और मेसर्स अंसल को स्वयं के खर्च पर 220 केवीए बिजली उपकेंद्र का निर्माण करवाने के साथ ही कई लाइनें व ट्रांसफार्मर रखवाने थे।
फिलहाल, वर्ष 2012 से अंसल द्वारा कुछ नहीं किया गया। बिजली विभाग, एलडीए सिर्फ पत्राचार अंसल से करते रहे। अब यहां रहने वाले इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। यही नहीं, जिन्होंने यहां अपने आशियाने जल्द बनाए हैं और जिन लोगों ने फ्लैट बिल्डरों से लिया है, वह तब तक शिफ्ट नहीं हो पाएंगे, जब तक बिजली कनेक्शन न मिल जाए।
उधर, फरवरी 2025 का बिजली बिल जो 4.78 करोड़ रुपये है, उसे वसूलने के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर (आइआरपी) के जरिए बिजली विभाग प्रयास कर रहा है, जो अभी तक नहीं मिला है। इस संबंध में दैनिक जागरण ने अंसल के संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन सभी ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
यह बिल्डर एलडीए व शासन स्तर से कर रहे हैं प्रयास-
- मेसर्स आर्शय वेंचर्स, प्रा.लिमिटेड
- मेसर्स ओरो इंफ्रा डेवलपर एलएलपी
- जश्न रियालटी
- मिगसन
- मेसर्स महेश इन्फ्राकान प्रा.लिमिटेड
- मेसर्स कनक बिहारी बिल्डर्स प्रा. लिमिटेड
- मेसर्स आरएलवी वेन्चर्स प्रा.लि.
- रिशिता डेवलपर्स प्रा. लि.
प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। अभी अस्थायी कनेक्शन से काम चल रहा है। भविष्य में कई सौ किलोवाट स्थायी कनेक्शन के लिए कंपनी की टीम प्रयासरत है। उम्मीद है जल्द कुछ होगा।
जर्नादन अग्रवाल, मेसर्स आर्शय वेन्चर्स, प्रा.लिमिटेड
एनसीएलटी, एलडीए व शासन स्तर पर बातचीत चल रही है। अंसल एक अप्रूव कालोनी है। शासन की ओर से सहयोग मिल रहा है। हम लोगों का प्रयास है कि टावरों का निर्माण होने के दौरान ही कोई हल निकल आए। प्रोजेक्ट पूरा होने में अभी समय है।अतुल सक्सेना, मेसर्स ओरो इंफ्रा डेवलपर, एलएलपी
शासन व एलडीए इसको लेकर बैठक कर रहे हैं। बिजली विभाग ने एनसीएलटी को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए अंसल में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए प्रस्ताव दिया है। जल्द ही समस्या का स्थायी समाधान होगा।रिया केजरीवाल, प्रबंध निदेशक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड।

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