Annual Fastag Pass : फास्टैग की नई नीति से दैनिक यात्रियों को सबसे अधिक लाभ, आसान होगा सफर
Annual Fastag Pass Introduced राजधानी में इंटौजा उन्नाव और निगोहां टोल पर काफी मासिक शुल्क देना पड़ता है। वर्तमान में दैनिक यात्री 1500 रुपये का मासिक पास इटौंजा टोल पर बनवाते हैं लेकिन कार जीप चालक एक माह में साठ ही चक्कर लगा सकते हैं। अगर यह चक्कर एक माह से पहले पूरे हो जाते हैं तो दोबारा पास बनवाना पड़ता है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : अब तीन हजार रुपये देकर दैनिक कार यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर आसानी से साल भर सफर कर सकेंगे। अभी इनको साल भर को दस हजार रुपया से अधिक खर्च करना पड़ता है।
फास्टैग की नई नीति का सबसे ज्यादा फायदा निजी वाहन चालकों को होगा, जो नियमित अप डाउन करते हैं। राजधानी में इंटौजा, उन्नाव और निगोहां टोल पर काफी मासिक शुल्क देना पड़ता है। वर्तमान में दैनिक यात्री 1500 रुपये का मासिक पास इटौंजा टोल पर बनवाते हैं, लेकिन कार, जीप चालक एक माह में साठ ही चक्कर लगा सकते हैं। अगर यह चक्कर एक माह से पहले पूरे हो जाते हैं तो दोबारा पास बनवाना पड़ता है। अब तीन हजार रुपये का पास बनवाकर 200 चक्कर लगा सकेंगे।
यह सुविधा पंद्रह अगस्त 2025 से सभी टोल पर शुरू कर दी जाएगी। इससे दैनिक यात्रियों को हजारों रुपये की बचत होगी। इसके अलावा कम सफर करने वालों के लिए प्रति 100 किलोमीटर का 50 रुपये का भुगतान करने का विकल्प भी होगा। इस सिस्टम से टोल प्लाजा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और फ्यूल की भी बचत होगी। फास्टैग को पास की कनेक्टिविटी से डिजिटल ही जोड़ने के लिए काम भी शुरू हो गया है।
दैनिक जागरण ने ऐसे ही कुछ दैनिक यात्रियों से बातचीत की। इटौंजा के नगर पंचायत अध्यक्ष, अवधेश कुमार अवस्थी ने कहा कि पेशे से व्यवसायी हूं। व्यापार के चक्कर में वर्ष भर में दो सौ बार से अधिक अपनी निजी कार से आना जाना पड़ता है। केंद्र सरकार के इस फैसले का मैं व्यक्तिगत रूप से स्वागत करता हूं। वर्तमान में हजारों रुपये तो सिर्फ टोल में चले जाते हैं। कभी-कभी दिन में दो बार टोल पार करना पड़ता है।
सीतापुर के देवेश मिश्रा ने कहा कि मेरा गिट्टी व मौरंग का व्यापार है। हर तीसरे दिन आना जाना रहता है। आराम से कह सकते हैं 200 चक्कर लग जाते हैं। मेरे पास निजी कार स्विफ्ट डिजायर है। पास महंगा पड़ता है। तीन हजार रुपये बेहद सस्ता है। यह सुविधा तुरंत लागू करनी चाहिए।
खैराबाद सीतापुर के रमेश कुमार ने कहा कि चांदपुर में मेरी ससुराल है। इसके अलावा लखनऊ में भी मकान है। गांव से लखनऊ और लखनऊ से ससुराल आना जान लगा रहता है। कुल मिलाकर दोनों स्थानों पर साल में 200 चक्कर लगा जाते हैं। तीन हजार रुपये में मासिक शुल्क का फैसला सराहनीय है।
व्यापारी पंकज गुप्ता का कहना है कि योजना में चक्कर बढ़ाने चाहिए। तीन हजार रुपये में 300 चक्कर करते तो और अच्छा होता। नौकरी पेशा वालों को या फिर व्यापारी को आना जाना पड़ता है। भविष्य में इस पर विचार करने चाहिए।
गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टोल टैक्स पर नई नीति की घोषणा कर दी गई है। इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी गई है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद हर वर्ष हजारों रुपये की बचत की जा सकती है। उन्होंने बुधवार को बताया गया है कि 15 अगस्त 2025 से Annual Fastag Pass को जारी किया जाएगा।
इसका सबसे ज्यादा फायदा ऐसे लोगों को पहुंचेगा जो वर्ष भर में कई बार नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे का उपयोग करते हैं। ऐसे लोगों को मौजूदा व्यवस्था में हर बार फास्टैग रिचार्ज करवाना पड़ता है और जब भी वह टोल बूथ से निकलते हैं तो उनको हर बार टोल टैक्स देना पड़ता है। लेकिन नई व्यवस्था के लागू होने के बाद सिर्फ एक ही बार रिचार्ज करवाना होगा और साल भर तक बिना अतिरिक्त चार्ज दिए ही वह नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे का उपयोग कर पाएंगे। स्टेट हाइवे पर इस सुविधा का फायदा नहीं उठाया जा सकेगा।
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