पशु आहार की कीमतों में गड़बड़ी पर लगाम: प्रति गोवंश अधिकतम 50 रुपये तय, दरें और मात्रा निर्धारित
उत्तर प्रदेश में पशु आहार की कीमतों में अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार ने प्रति गोवंश अधिकतम 50 रुपये की दर निर्धारित की है। इस निर्णय का उद्देश्य ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पशु आहार की कीमतों के नाम पर चल रही गड़बड़ी को रोकने के लिए पशुधन विभाग ने प्रति गोवंश आहार की मात्रा और उसकी दरें निर्धारित कर दी हैं। अब गो आश्रय स्थलों में प्रति गोवंश के लिए अधिकतम 50 रुपये की सीमा के अंदर आहार की व्यवस्था होगी। विभाग ने पशु आहार, भूसा, हरा चारा, साइलेज आदि की दरें भी तय कर दी हैं।
पिछले दिनों गौतमबुद्धनगर, आजमगढ़, ललितपुर, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, अलीगढ़ आदि कई जिलों में की गई पशु आहार की खरीद में कीमत के बड़े अंतर का मामला सामने आया था। इसके बाद सरकार ने गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के सुव्यवस्थित भरण-पोषण के लिए साइलेज, हरा चारा तथा संतुलित पशु आहार की आपूर्ति और प्रति पशु औसत आहार मात्रा निर्धारण का निर्णय लिया है।
इसके तहत अब प्रति गोवंश तीन किलो भूसा (सात से आठ रुपये प्रति किलो की दर से), पांच किलो हरा चारा (2.50 से तीन रुपये प्रति किलो की दर से), 500 ग्राम पशु आहार (21 से 22 प्रति किलो की दर से) आहार में दिया जा सकता है।
समय-समय पर कराई जाएगी जांच
हरे चारे की अनुपलब्धता होने पर तीन किलो साइलेज (आठ रुपये प्रति किलो की दर से), दो किलो भूसा, 500 ग्राम पशु आहार (21-22 प्रति रुपये प्रति किलो की दर से) पशु आहार में दिया जा सकता है। विभाग के अनुसार हर जिले में आपूर्ति किए जाने वाले साइलेज, हरे चारे व पशु आहार की समय-समय पर विभागीय या कृषि विश्वविद्यालयों की पशु पोषण प्रयोगशालाओं में जांच कराई जाएगी।
जहां गोचर भूमि पर हरा चारा उगाया जा रहा है, वहां के साथ-साथ वर्ष भर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय हरा चारा उत्पादक किसानों को चिन्हित कर उनसे एमओयू के माध्यम से निर्धारित दर पर चारा क्रय किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए भूसा, साइलेज तथा पशु आहार के टेंडर 31 मार्च तक कराने के आदेश दिए गए हैं।
जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वर्तमान में जिले में मार्केट सर्वे के आधार पर चारे, भूसे तथा साइलेज की दर देखी जाए। यदि जिले में क्रय अनुबंध दरें नजदीकी जिलों से से अधिक है तो कम क्रय अनुबंध दर पर आहार का क्रय किया जाए।

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