अलकायदा के आतंकवादी मोहम्मद मोइद और शकील को 20 महीने की जेल, लखनऊ NIA कोर्ट का फैसला
लखनऊ में, 2021 में आतंकी साजिश रचने के दोषी अलकायदा के आतंकी मोहम्मद मोइद और शकील को एनआईए कोर्ट ने सजा सुनाई। उन्हें हथियार जुटाने के आरोप में 20 मही ...और पढ़ें

विधि संवाददाता, लखनऊ। 15 अगस्त 2021 को सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र कर महत्वपूर्ण स्थानों में विस्फोट करने के लिए हथियार और विस्फोटक एकत्र करने के आरोपित अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिंद के आतंकी मोहम्मद मोइद और शकील को एनआइए के विशेष न्यायाधीश हुसैन अहमद अंसारी ने आयुध अधिनियम के आरोपों में दोषी ठहराते हुए 20 माह 29 दिन की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माने की सजा भी सुनाई है।
न्यायालय के समक्ष एनआइए के वकील एमके सिंह ने कोर्ट में बताया कि इस मामले की रिपोर्ट 11 जुलाई को एटीएस ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई गई थी। बाद में मामले की गंभीरता देखते हुए जांच एनआइए को सौपी गई थी। विवेचना के दौरान पता चला कि अलकायदा के आतंकी उमर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान बार्डर से आतंकवादी गतिविधियां को संचालित करने व आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए संगठन में नए सदस्यों की भर्ती को निर्देश दिए हैं।
जिसके बाद जम्मू कश्मीर के आतंकियों ने मिनहाज को आनलाइन संपर्क किया। मिनहाज ने आतंकियों के साथ साजिश में शामिल होकर अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिंद के लिए आतंकी गतिविधियों के लिए सदस्यों की भर्ती की। मिनहाज ने मुशीरुद्दीन को उप्र में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भर्ती किया।
दोनों आतंकियों ने धमाके कर देश के खिलाफ युद्ध के लिए हथियार और बम एकत्र किए। उसी षड्यंत्र में तीन अन्य दोषी शकील, मोहम्मद मुस्तकीम और मोहम्मद मोइद भी इस साजिश में शामिल पाया गया। जिसके बाद एटीएस ने पहले मुशीरुद्दीन और मिन्हाज को गिरफ्तार करके भारी मात्र में हथियार और विस्फोटक बरामद किया।
पूछताछ में मिनहाज अहमद ने बताया कि उसने मुस्तकीम को गोला बारूद इकट्ठा करने का निर्देश दिया था। जिस पर मुस्तकीम ने मोहम्मद मोइद से संपर्क किया तो उसने एक पिस्टल मुस्तकीम को मुहैया कराई थी। बताया गया कि हथियार और गोला बारूद पकड़े जाने ने पहले यह पिस्टल दोषी शकील के पास भी रही।
इसी पिस्टल को एटीएस ने गिरफ्तारी के समय 11 जुलाई 2021 को बरामद किया था। न्यायालय में विचारण के दौरान मोहम्मद मुस्तकीम और शकील ने तीन नवंबर को अर्जी देकर अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।

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